उत्तराखंड में आप ने शुरू किया `विकास पगली गौ` हैश टैग अभियान,जनता से की ये अपील

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देहरादून: आप पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता नवीन पिरशाली ने आज एक प्रेसवार्ता की. इस दौरान उन्होंने राज्य सरकार पर जबरन लोगों की जान के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि गढ़वाल मंडल सहित ऋषिकेश को राजधानी देहरादून से जोड़ने वाला रानीपोखरी के जाखन नदी पर बना पुल शासन प्रशासन की अनदेखी और लापरवाही से टूट चुका है. इसका सबसे बड़ा कारण है अवैध खनन. जिसकी तस्दीक खुद वहां के ग्रामीण करते हैं. जो रात दिन जेसीबी और डंपर के शोर से परेशान रहते हैं. लेकिन शासन प्रशासन को सबकुछ मालूम होते हुए भी, वो चुप्पी साधे रहते हैं. क्योंकि खनन करने वाले लोग नेताओं के रिश्तेदार और अपने लोग हैं. सरकार की मिलीभगत का नतीजा अब सबके सामने है.

उन्होंने कहा कि बीजेपी के नेता रानीपोखरी जाखन नदी में टूटे पुल के घटनास्थल पर पहुंचकर सिर्फ खानापूर्ति करने जा रहे हैं. विभागीय मंत्री ने भले ही इस पूरे हादसे की जांच के आदेश दिए हों ,लेकिन हकीकत ये है कि जो समिति इस घटना के लिए गठित की गई है उस समिति की जांच अभी शुरू ही नहीं हुई है. ये दर्शाता है कि ये सरकार सिर्फ जुमेलबाजी में माहिर है और जनता को बरगलाने के अलावा इसे वास्तविकता से कोई मतलब नहीं है. उन्होंने कहा कि, आज पूरे प्रदेश में बीजेपी और उनके मंत्री सिर्फ बूथ की मजबूती पर ध्यान दे रहे हैं, जबकि जर्जर और टूटे पुलों को लेकर सरकार कोई ठोस एक्शन नहीं नहीं ले रही. सरकार की इस लापरवाही के चलते कोई हादसों में अपनी जान गंवा दे ,तो उन्हें इससे कोई सरोकार नहीं है.

पिरशाली ने आगे कहा कि दिसंबर 2020 में पुल के नीचे बुनियाद और पिलर की सुरक्षा के लिए लोक निर्माण विभाग ने 40 लाख रुपये से अनुरक्षण कार्य कराया था. इस दौरान पुल से 50 मीटर की दूरी पर ही खनन कर खनिज को इस निर्माण कार्य में प्रयोग में लाया जा रहा था. जिस पर थानों रेंज के वन क्षेत्रधिकारी एनएल डोभाल ने विभागीय दो ठेकेदारों पर 30 और 20 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया था. लेकिन लोनिवि ने ऐसे ठेकेदारों को ब्लैक लिस्टेड नहीं किया, जिसका परिणाम आज सबके सामने है.

पिरशाली ने आगे कहा कि इस घटना में भले ही कोई हताहत नहीं हुआ हो ,लेकिन ये घटना सरकार की लापरवाही का नतीजा है और विभागीय मंत्री को तुंरत अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए. कल आप पार्टी उनके इस्तीफे के लिए प्रदर्शन करेगी. उन्होंने कहा कि, ये सिर्फ एक पुल नहीं है बल्कि ऐसे 32 पुल और हैं, जो इन पांच सालों में धराशायी हुए हैं. जबकि 27 पुलों की हालत खस्ता है. लेकिन शासन-प्रशासन की अनदेखी से आज इन पुलों की वजह से लोगों की जान के साथ सीधे तौर पर खिलवाड़ किया जा रहा है. किसी भी पुल को बनाने से पहले उसका आंकलन किया जाता है और उसकी मियाद लगभग सौ साल होती है. लेकिन उत्तराखंड में जितने भी पुल टूटे इस उम्र तक कोई भी पुल नहीं पहुंच पाया.

नवीन पिरशाली ने आगे कहा कि बीजेपी मुख्यमंत्री बदलने पर ध्यान ना देकर प्रदेश में जर्जर स्थिति में पहुंच चुके पुलों पर ध्यान दे. पिरशाली ने प्रदेश की जनता से अपील करते हुए कहा कि ऐसे जितने भी जर्जर पुल प्रदेश में हैं जिन पर सरकार की नजर नहीं जाती. जनता उन पुलों की फोटो खींच कर “विकास पगली गौ” हैश टैग कर पोस्ट करें. ताकि वास्तविकता सबके सामने आ सके.