हिमाचल में चार दशक बाद सिंचाई योजनाओं के लिए बनेगा मास्टर प्लान, ये पांच बड़ी पेयजल योजनाएं बनेंगी

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शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार सिंचाई क्षेत्र के लिए नया मास्टर प्लान तैयार करेगी। इसमें चार दशक के बाद नई पहल की जाएगी। वर्तमान में सिंचाई क्षेत्र की कार्य योजनाएं 1980 के दशक में बनाए मास्टर प्लान के अनुरूप हैं। भौगोलिक सूचना तंत्र यानी जीआइएस के माध्यम से पूरे प्रदेश के लिए नया मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा। 2022-30 के दौरान पांच बड़ी पेयजल योजनाओं को जनता को समर्पित करने की घोषणा की गई है। 2022-23 के दौरान एक राज्यस्तरीय जल परीक्षण प्रयोगशाला की स्थापना की जाएगी। इसमें करीब 70 प्रकार के परीक्षण करने की सुविधा होगी। साल के अंत सभी ग्रामीण परिवारों को जल जीवन मिशन के तहत घरेलू नल कनेक्शन दिए जाएंगे।

पांच बड़ी पेयजल योजनाएं

65 करोड़ से एम्स बिलासपुर और हाइड्रो इंजीनियर कालेज के लिए कोलडैम उठाऊ पेयजल योजना।
110 करोड़ से टोरखोला और अन्य गांव के लिए पेयजल योजना।
121 करोड़ से सराज और बालीचौकी की 19 पंचायतों के लिए पेयजल संवर्धन योजना।
147 करोड़ से कामली व मंडप के विभिन्न गांव के लिए पेयजल योजना।
56 करोड़ की लागत से डलहौजी के सलूनी, मंजीर, सुनदाई आदि क्षेत्रों के लिए संवर्धन पेयजल योजनाएं।

100 करोड़ की लागत से 428 पंचायतों में जल प्रबंधन होगा
कांगड़ा व चंबा जिलों में 40 करोड़ की लागत से 150 स्थानों पर वाटर रिचार्ज जोन स्थापित होंगे
जापान के सहयोग से वर्षा जल संग्रहण नीति बनाई जाएगी।