छत्तीसगढ़ के 4 दोस्तों का अद्भुत जुनून, बाबा केदारनाथ के दर्शन के लिए पैदल ही निकल पड़े

Amazing passion of 4 friends from Chhattisgarh, set out on foot to visit Baba Kedarnath
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जांजगीर चांपा: बाबा भोलेनाथ का बुलावा आये तो सब कुछ सम्भव है. छत्तीसगढ़ के रहने वाले 4 दोस्तों के बीच आपस में बात हुई और वो पैदल ही बाबा भोलेनाथ के द्वार केदारनाथ धाम दर्शन करने निकल गए. छत्तीसगढ़ के रायगढ़ और बिलासपुर के रहने वाले 4 दोस्त इन दिनों पैदल ही 1400 किमी. केदारनाथ धाम (उत्तराखंड) के लिए निकले हैं. ये सभी दोस्त कल रात पेण्ड्रा पहुंचे जहां विश्राम के बाद ये सभी आज अपने आगे की यात्रा के लिए रवाना हो गए.

आपको बता दे की छत्तीसगढ़ के रहने वाले 4 दोस्त, जिसमें दो दोस्त रायगढ़ जिले के रहने वाले महेश दास मानिकपुरी, शिव कुमार चौहान और 2 दोस्त बिलासपुर के रहने वाले अनिल दास मानिकपुरी, भगतदास मानिकपुरी है.इन चारों दोस्तों ने कुछ दिन पहले अचानक सावन के महीने में उत्तराखंड के केदारनाथ धाम जाने की आपस में चर्चा की और मन बना लिया. फिर सभी ने एक साथ छत्तीसगढ़ से पैदल ही उत्तराखंड के केदारनाथ धाम जाने की ठान ली.

3 जुलाई से यात्रा के लिए निकले
रायगढ़ के रहने वाले शिव कुमार चौहान और महेश दास मानिकपुरी 3 जुलाई को रायगढ़ से निकले थे. जिसके बाद बिलासपुर में ये दोनों दोस्त 5 जुलाई को पहुंचे. यहाँ से इनके दो और साथी अनिल दास मानिकपुरी, भगतदास मानिकपुरी मिले और पदयात्रा करते हुए ये चारों दोस्त कल शाम पेण्ड्रा पहुंचे. पेण्ड्रा कुछ समाजसेवियों के द्वारा इनके रुकने और भोजन की व्यवस्था की गई. रात भर आराम करने के बाद सुबह फिर ये चारों दोस्त निकल गए. ये मध्यप्रदेश के अनूपपुर शहडोल होते हुए उत्तराखंड के केदारनाथ धाम के लिए निकल गए हैं.

30 से 35 किमी. की कर लेते है यात्रा
बिलासपुर के अनिल दास मानिकपुरी ने बताया की हम लोगों का 5 अगस्त तक केदारनाथ धाम पहुंचकर बाबा के दर्शन करने का टारगेट है. उसके बाद वहां से वापस दिल्ली और उसके बाद रेल से वापस छत्तीसगढ़ अपने-अपने घर पहुचेंगे. रायगढ़ के महेश दास मानिकपुरी ने बताया की रायगढ़ से केदारनाथ बाबा की दूरी 1402 किमी है. बिलासपुर से 1301 कि.मी. हम चारों एक दिन में 30 से 35 किलोमीटर की पैदल यात्रा करते हैं और शाम 7 बजे अंधेरा होने के समय जहां जगह होता है उस हिसाब से रुकते है. वहीं रुककर आराम करते हैं. कही कहीं समाजसेवी मिल जाते है वह लोग रहने खाने की व्यवस्था कर देते हैं.