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चंडीगढ़ : हरियाणा में बिजली कंपनियों के मुनाफे में आने के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बिजली की दरों 37 पैसे प्रति यूनिट कमी करने की घोषणा की है। अब बिजली वितरण कंपनियां उपभोक्ताओं से एफएसए (फ्यूल सरचार्ज एडजेस्टमेंट) नहीं वसूल सकेंगी। सरकार के इस फैसले से प्रदेश के 70.46 लाख उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी।
बिजली कंपनियों द्वारा हर माह लागत और आय की समीक्षा की जाती है। अगर किसी माह कोयला महंगा मिलता है या फिर बिजली महंगी मिलती तो कंपनी उपभोक्ताओं पर प्रति यूनिट 37 पैसे तक सरचार्ज लगा सकतीं थीं। इस मामले में एचईआरसी भी कह चुका है कि एफएसए उपभोक्ताओं से नहीं वसूला जाना चाहिए। इसके अलावा, बेहतर योजना के चलते डिस्कॉम ने वित्त वर्ष 2020-21 में पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 46 पैसे प्रति यूनिट की औसत बिजली खरीदी। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने उपभोक्ताओं को राहत देने की घोषणा की है। इससे बिजली विभाग को हर माह 100 करोड़ राजस्व का नुकसान होगा।
बिजली क्षेत्र में हो रहा है सुधार
हरियाणा सरकार ने राज्य के बिजली उपभोक्ताओं को सस्ती दरों पर बिजली उपलब्ध कराने का प्रयास किया है। पिछले कुछ वर्षों में हरियाणा बिजली वितरण कंपनियों के उत्कृष्ट प्रदर्शन का परिणाम बिजली मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा किए गए बिजली डिस्कॉम की एकीकृत रेटिंग में भी परिलक्षित होता है, जहां हरियाणा गुजरात के बाद दूसरे सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्य के रूप में उभरा है।