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पटना: बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) द्वारा आयोजित तीसरे चरण की शिक्षक भर्ती परीक्षा (BPSC TRE 3) पेपर लीक कांड मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। मिली जानकारी के अनुसार, सिपाही भर्ती परीक्षा पेपर लीक करने वाले गिरोह ने ही शिक्षक बहाली परीक्षा का पेपर भी लीक किया था। जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि इस गिरोह ने शिक्षक बहाली परीक्षा के लिए 500 अभ्यर्थियों से संपर्क साधा था और 10-10 लाख रुपये पर परीक्षा में सफलता दिलाने का ठेका लिया था। जानकारी के अनुसार, गिरफ्तार किए गए लोगों में सबसे ज्यादा नालंदा जिले के रहने वाले हैं। वैशाली का रहने वाला विशाल चौरसिया, जो पटना में सचिवालय में पोस्टेड है, इस पेपर लीक कांड का मास्टरमाइंड है। जांच में यह भी पता चला है कि जिस प्रिंटिंग प्रेस में सिपाही बहाली का प्रश्न पत्र छपा था, उसी प्रिंटिंग प्रेस में बिहार शिक्षक बहाली भर्ती परीक्षा TRE 3 का भी प्रश्न पत्र छपा था।
विशाल चौरसिया मास्टर माइंड
आर्थिक अपराध इकाई (EOU) के हत्थे चढ़ा बीपीएससी शिक्षक भर्ती परीक्षा प्रश्न पत्र लीक मामले का सरगना विशाल चौरसिया ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। जानकारी के अनुसार, पूछताछ में उसने स्वीकार किया है कि सिपाही बहाली परीक्षा का प्रश्न पत्र भी उसी ने लीक किया था। बता दें कि विशाल चौरसिया को ओडिशा में जूनियर इंजीनियर की परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक करने के आरोप में जुलाई 2023 में गिरफ्तार किया गया था। उसके बाद उसे ग्रामीण कार्य विभाग से निलंबित कर दिया गया था। हैरानी की बात यह है कि बालासोर जेल में रहते हुए भी विशाल चौरसिया ने कई लोगों से संपर्क साधा और बिहार पुलिस की सिपाही बहाली का प्रश्न पत्र लीक कर दिया।
इसके गिरोह में कई लोग शामिल
जानकारी के अनुसार, विशाल चौरसिया ने अपने गिरोह में कई लोगों को शामिल किया था। इनमें से एक यूपी का अजीत चौहान था। अजीत चौहान ने प्रिंटिंग प्रेस में काम करने वाले वीरेंद्र की मदद से बिहार पुलिस की सिपाही बहाली परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक किया था। अजीत चौहान की दोस्ती कोलकाता की ब्लेसिंग सेक्योर प्राइवेट लिमिटेड प्रिंटिंग प्रेस के मालिक कौशिक कुमार से थी। बताया जा रहा है कि ओडिशा से जेल से छूटने के बाद जब विशाल चौरसिया पटना आया, उस वक्त बिहार में शिक्षक भर्ती परीक्षा ली जा रही थी। तभी उसके दिमाग में इस परीक्षा के पेपर लीक करने की बात आयी। इसके बाद उसने कुछ लोगों की मदद से प्रिंटिंग प्रेस के मालिक कौशिक से संपर्क साधा।
जब्त प्रश्न पत्र में बार कोड नहीं
आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) द्वारा गिरफ्तार किए गए विशाल चौरसिया के पास से जब्त प्रश्न पत्र में बारकोड नहीं होने का मामला सामने आया है। इससे यह आशंका जताई जा रही है कि बारकोड प्रिंट होने से पहले ही प्रश्न पत्र माफियाओं तक पहुंच गया था। माना जा रहा है कि एसआईटी और आर्थिक अपराध इकाई की स्पेशल इन्वेस्टिगेटिंग टीम आने वाले दिनों में इस मामले में प्रिंटिंग प्रेस के मालिक और बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के कुछ कर्मचारियों से भी पूछताछ कर सकती है।