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नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने देश में कैपिटल इनवेस्टमेंट (Capital Investment) को बढ़ाने के वास्ते 16 राज्यों के लिए 56,415 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। इसका तीन-चौथाई यानी करीब 74 फीसदी हिस्सा बिहार और विपक्षी दलों के शासन वाले राज्यों को मिला है। फाइनेंस मिनिस्ट्री (Finance Ministry) के मुताबिक इसमें से सबसे ज्यादा पैसा बिहार (Bihar) को मिला है। कुल रकम में से 9,640 करोड़ रुपये यानी करीब 17 फीसदी हिस्सा अकेले बिहार को मिला है। इतना ही नहीं विपक्षी दलों के शासन वाले राज्यों को कुल 41,566 करोड़ रुपये मिले हैं। बिहार के बाद सबसे ज्यादा पैसा मध्य प्रदेश (7,850 करोड़ रुपये), पश्चिम बंगाल (7,523 करोड़ रुपये), राजस्थान (6,026 करोड़ रुपये) और ओडिशा (4,528 करोड़ रुपये) को मिले हैं। बिहार में जेडीयू और आरजेडी गठबंधन की सरकार है जबकि मध्य प्रदेश में बीजेपी पावर में है। पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस की सरकार है जबकि ओडिशा में बीजू जनता दल पावर में है।
वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि विभिन्न सेक्टर्स के कैपिटल इनवेस्टमेंट प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी गई है। इनमें हेल्थ, एजुकेशन, सिंचाई, जलापूर्ति, पावर, रोड, पुल और रेलवे से जुड़े प्रोजेक्ट शामिल हैं। साथ ही जल जीवन मिशन और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए भी फंड मंजूर किया गया है। घर-घर तक नल से पानी पहुंचाने की योजना में बिहार का काम दूसरे राज्यों से काफी बेहतर चल रहा है। कैपिटल इनवेस्टमेंट बढ़ाने की योजना के तहत 2023-24 में राज्यों को खास मदद दी जा रही है। इसमें उन्हें 1.3 लाख करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त लोन 50 साल की अवधि के लिए दिया जा रहा है।