रायपुर: छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में संतुलन की सियासत पर जोर दिया जा रहा है। पार्टी के अंदर पनपने वाले हर असंतोष को खत्म करने की दिशा में कदम भी बढ़ाए जा रहे हैं। राज्य में पिछले कुछ दिनों में हुए फैसले यही संकेत दे रहे हैं कि कांग्रेस विधानसभा चुनाव से पहले किसी भी तरह के असंतोष को पनपने नहीं देना चाहती। उसी का नतीजा है कि आपसी समन्वय के साथ संतुलन बनाए रखने वाले फैसले लिए जा रहे हैं।
राज्य में लंबे अरसे से इस बात की चर्चा रही है कि वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में जब कांग्रेस को जीत मिली थी तो कई समझौते हुए थे। बाद में इन समझौतों पर किसी ने खुलकर कुछ नहीं कहा। इसी के चलते अब स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव को उप मुख्यमंत्री बना दिया गया है। पार्टी ने राज्य इकाई के मुखिया मोहन मरकाम को प्रदेशाध्यक्ष पद से हटाया और उनके स्थान पर दीपक बैज को नियुक्त किया तो असंतोष की बातें सामने आने लगी।
यही कारण माना जा रहा है कि मोहन मरकाम को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। मोहन मरकाम के मंत्री बनाए जाने से पहले प्रेमसाय टेकाम से इस्तीफा ले लिया गया। इससे भी असंतोष पनपने के आसार बने तो टेकाम को राज्य योजना आयोग का अध्यक्ष बनाते हुए कैबिनेट मंत्री का दर्जा दे दिया गया। वहीं, दूसरी तरफ विभागों में भी बदलाव किया गया है। शुक्रवार शाम को कई मंत्रियों के विभाग बदलाव किया गया है।
रणनीति के तहत काम कर रहे हैं भूपेश बघेल
एक तरफ जहां मोहन मरकाम को अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक विभाग का मंत्री बनाया गया है। वहीं, दूसरी तरफ राज्य के उप मुख्यमंत्री सिंहदेव के विभागों में बढ़ोत्तरी की गई है। उन्हें अब ऊर्जा मंत्रालय का भी प्रभार दिया गया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव की रणनीति पर काम कर रहे हैं। यही कारण है कि बदलाव हो रहे हैं। बदलाव के जरिए सीएम भूपेश बघेल, पार्टी में पनपने वाले असंतोष को भी खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं।
राज्य में इसी साल होंगे चुनाव
छत्तीसगढ़ में इसी साल विधानसभा के चुनाव होने हैं। विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी और कांग्रेस ने अपनी-अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। इसी कड़ी में कांग्रेस में लगातार बदलाव हो रहे हैं। बुधवार से शुक्रवार तक कांग्रेस ने कई बड़े फैसले लिए हैं।