कोयले की कीमतों में लगी आग, मध्य प्रदेश में फिर बढेंगे बिजली के दाम?

Coal prices on fire, will electricity prices rise again in Madhya Pradesh?
Coal prices on fire, will electricity prices rise again in Madhya Pradesh?
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जबलपुर: Coal India increased coal prices: चुनावी साल में जहां कुछ दिनों पहले अच्छी आई थी कि संभव हुआ तो बिजली के दामों में कमी लाइ जा सकती है। वहीं अब कोल इंडिया ने कोयले दामों में 20 फीसदी इजाफे का फैसला लिया है। इसके बाद बिजली उपभोक्ताओं के मंसूबों पर पानी फिर सकता हैं। मध्य प्रदेश में आने वाले दिनों में बिजली कंपनियों का यदि हिसाब-किताब ठीक नहीं बैठा, तो बिजली उपभोक्ताओं को अपनी जेब ज्यदा ढीली करना पर सकता हैं। कोयले की कीमती में करीब 20 फीसदी बढ़ोत्तरी हुई हैं। कोल इंडिया ने इसका सर्कुलर भी जारी कर दिया हैं।

थर्मल एनर्जी के जानकार राजेंद्र अग्रवाल का कहना है कि एमपी बिजली उत्पादन कोयले पर ही निर्भर हैं। ऐसे में लागत बढ़ेगी तो बिजली दरों में बढ़ोत्तरी भी स्वाभाविक है। अनुमान के मुताबिक 20 फीसदी महंगा कोयला 50 पैसा प्रति यूनिट बिजली महंगी कर सकता है। यानि यदि आप 300 यूनिट बिजली खर्च कर रहे है तो डेढ़ सौ रुपये ज्यादा चुकाने पड़ सकते हैं।

उधर मप्र पॉवर जरनेशन कंपनी के प्रबंध संचालक मनजीत सिंह ने बताया कि कोयले की कीमतों में बढोतरी की गई है, लेकिन फिलहाल इसका आंकलन नहीं किया गया है कि किस गुणवत्ता के कोयले पर कितने रुपयों की बढ़ोतरी हुई है। यह तय है कि कोयले के दाम बढ़ेंगे तो निश्चित तौर पर बिजली उत्पादन भी महंगा होगा।

G-11 ग्रेड का कोयला
थर्मल पॉवर हाउस में बिजली उत्पादन के लिए जी 11 ग्रेड का कोयला इस्तेमाल किया जाता है। मौजूदा वक्त यह 700 रुपए प्रति टन के हिसाब मुहैया हो रहा हैं। यदि 20 फीसदी रेट बढ़े है तो बिजली कंपनियों को 825 रुपए प्रति टन की दर से कोयला खरीदना पड़ेगा। बिजली कंपनियों द्वारा वसूले जाने वाले फ्यूल एंड पावर पर्चेस एडजस्टमेंट सरचार्ज में भी बढ़ोत्तरी हो जायेगी। इसी वजह से बिजली महंगी होना तय है। मप्र पावर जनरेटिंग कंपनी सालाना अनुमानित कोयला खरीदी में 15 हजार करोड़ रुपये खर्च करती है।