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गर्मी का मौसम आते ही आम की खुशबू, घूमने की सैर और ठंडे ड्रिंक्स का मजा लेने का मन करता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस मौसम में स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ जाता है? अक्सर गर्मी और स्ट्रोक के बीच संबंध को नजरअंदाज कर दिया जाता है. गर्मी के मौसम में स्ट्रोक के खतरे को समझना जरूरी है, ताकि हम खुद को सुरक्षित रख सकें. बीएलके मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में न्यूरोलॉजी एवं हेड न्यूरो-इंटरवेंशन की एसोसिएट डायरेक्टर डॉ. विनित बंगा ने गर्मियों में स्ट्रोक के बारे में बताया. इस लेख में हम इस बात पर भी गौर करेंगे कि कैसे तेज गर्मी हमारे शरीर को प्रभावित करती है और कभी-कभी जानलेवा भी साबित हो सकती है.
गर्मी और डिहाइड्रेशन
डॉ. विनित बंगा ने बताया कि गर्मियों में स्ट्रोक के मामलों में बढ़ोतरी का एक मुख्य कारण गर्मी ही है. ज्यादा गर्मी शरीर में पानी की कमी का कारण बनती है, जो स्ट्रोक के लिए एक महत्वपूर्ण रिस्क फैक्टर है. जब शरीर डिहाइड्रेट हो जाता है, तो खून गाढ़ा हो जाता है. इससे दिल को खून पंप करने में परेशानी होती है और खून के थक्के जमने का खतरा बढ़ जाता है, जिससे स्ट्रोक हो सकता है.
फिजिकल एक्टिविटी
डॉ. विनित के मुताबिक, गर्मी का मौसम अक्सर लोगों को बाहर घूमने-फिरने और खेलकूद जैसी एक्टिविटी के लिए प्रेरित करता है. एक्सरसाइज वैसे तो सेहत के लिए फायदेमंद होता है, लेकिन खासकर गर्मी के मौसम में अचानक या बहुत ज्यादा जोर लगाने वाली फिजिकल एक्टिविटी दिल से जुड़ी समस्याओं को बढ़ा सकती हैं और ब्लड प्रेशर को बढ़ा सकती हैं, जिससे स्ट्रोक का खतरा (खासकर पहले से बीमार लोगों में) बढ़ जाता है.
धूप और विटामिन डी
हालांकि शरीर को विटामिन डी बनाने के लिए सूर्य की रोशनी जरूरी है, लेकिन बिना सुरक्षा के ज्यादा धूप में रहने से हीट स्ट्रोक जैसी गर्मी से जुड़ी बीमारियां हो सकती हैं, जो स्ट्रोक को भी ट्रिगर कर सकती हैं. धूप का मजा लेने और जरूरी सावधानी बरतने के बीच बैलेंस बनाना जरूरी है. सनस्क्रीन लगाना, छाया में रहना और खुद को हाइड्रेट रखना कुछ महत्वपूर्ण उपाय हैं.
वायु प्रदूषण और एलर्जी
गर्मियों के महीनों में अक्सर वायु प्रदूषण बढ़ जाता है और पराग (pollen) का लेवल भी ऊंचा हो जाता है, जिससे शरीर में सांस संबंधी समस्याएं और सूजन बढ़ सकती है. शोध बताते हैं कि वायु प्रदूषण के संपर्क में आने से दिल से जुड़ी समस्याओं में सूजन और ऑक्सीडेटिव तनाव बढ़ सकता है, जिससे स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ सकता है.
रोकथाम के उपाय
गर्मियों में स्ट्रोक के खतरे को कम करने के लिए खुद को हाइड्रेटेड रखना, ज्यादा गर्मी में रहने से बचना और बाहरी एक्टिविटी के दौरान ब्रेक लेना जरूरी है. इसके अलावा, हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना भी जरूरी है, जिसमें नियमित व्यायाम, बैलेंस डाइट, हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज जैसी पहले से मौजूद बीमारियों को कंट्रोल करना शामिल है.
गर्मी और स्ट्रोक के बीच लिंक को समझकर और निवारक उपायों को अपनाकर हम इस मौसम का सुरक्षित रूप से आनंद ले सकते हैं और स्ट्रोक के खतरे को कम कर सकते हैं. जागरूकता, हाइड्रेशन और संयम – ये सभी हेल्दी और सुखद गर्मी सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं.