पिता-भाई रेप करते थे, मां गोली खिलाकर चुप करा देती, 7 बार गर्भवती हुई

Father-brother used to rape, mother used to silence her by feeding bullets, got pregnant 7 times
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एक नाबालिग लड़की, जिसके साथ उसके पिता और भाई ने लगातार 7 साल तक रेप किया। वह 7 बार गर्भवती हुई। पेट दर्द हुआ, तो उसकी मां ने कभी दवा खिला दी तो कभी गर्भपात करवा दिया। लड़की अपने घर से भागकर सीधा मुख्यमंत्री के पास पहुंची। मुख्यमंत्री ने आदेश दिया कि आरोपियों को तुरंत जेल में डालो।

यह किसी फिल्म की स्क्रिप्ट नहीं, बल्कि असल जिंदगी की कहानी है। उस लड़की ने 12 दिन पहले एक बच्चे को जन्म दिया है। यह सब कैसे हुआ? कौन उस लड़की का सहारा बना? यह सब जानने के लिए दैनिक भास्कर लखनऊ के उस संस्थान पहुंचा, जहां ऐसी ही 50 से अधिक लड़कियां अभी भी मौजूद हैं।

वह सिर्फ 14 साल की थी, जब पिता ने उससे रेप किया (जैसा पीड़िता ने बताया)
साल 2004. मई का महीना। अब तक लड़की अपनी नानी के घर पर रहकर पढ़ाई करती थी। लेकिन इस साल 10वीं की परीक्षा देकर वह अपने घर वापस आई। उसके माता-पिता ने नया घर लिया था। गृह प्रवेश हुआ। परिवार में लड़की के माता-पिता और दो भाई थे। कुछ दिन सब बढ़िया चलता रहा। लड़की इतने सालों बाद अपने घर आकर बहुत खुश थी।

एक दिन पिता ने बेटी से कहा, “तुम्हारे ऊपर एक बुरा साया है, जो मुझे परेशान करता है। वह कहता है कि मैं तुम्हारे साथ संपर्क बनाऊंगा, तभी तुम्हें छोड़ेगा।” लड़की ने बात नहीं मानी, तो पिता ने उसकी जूते-चप्पल और लकड़ी के पाटे से पिटाई की। उसका सिर दीवार से लड़ा दिया। उसे एक कमरे में घसीट कर ले गया। कुछ देर वह चुपचाप एक कोने में पड़ी थी। पिता आया और उसके पूरे कपड़े फाड़ दिए। फिर उसके साथ गलत काम किया।

मां ने कहा- तुम्हारे पिता ने ही तो किया है, भूल जाओ
लड़की 1 घंटे तक उसी कमरे में पड़ी रोती रही। उसने हिम्मत जुटाई और पूरी बात मां को बताने का तय किया। बाहर निकली और मां से रोते हुए उन्हें पूरी बात बताई। जिस पर मां का जवाब था कि कोई बात नहीं तुम्हारे बाप ने ही तो किया है। तुम इसे भूल जाओ। घर की बात घर में ही रहनी चाहिए।

भाई को बताया, तो उसने भी गलत काम किया

इन सबके बाद मां खुद उसे पिता के पास भेजने लगी। अब हर रोज पिता उसके साथ गलत काम करता। वह कुछ दिन तक यह सब सहती रही। पेट में दर्द होता, वह चिल्लाती तो मां गोली देकर उसको चुप करा देती। जब उससे बर्दाश्त नहीं हुआ, तो उसने अपने बड़े भाई को सारी बात बताई।

उसको उम्मीद थी कि बड़ा भाई ही उसकी इन सबसे बचने में मदद कर सकता है। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। बड़े भाई ने उसकी मदद करने की बजाय खुद उसके साथ रेप किया।

पिता ने लड़की के छोटे भाई को जान से मारने की धमकी दी
अब उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि वह किससे मदद ले? बाप, मां, बड़ा भाई सब इसमें शामिल थे। उसके छोटे भाई की इन सब चीजों को समझ पाने के लिए उम्र बहुत कम थी। जब उसने सारी बात नानी और मामा को बताने की सोचा, तो मां-बाप ने उसके छोटे भाई को जान से मार देने की धमकी दी।

वह धमकी से डर गई। छोटे भाई की जान बचाने के लिए उसने किसी को यह बात नहीं बताई और फिर ये सिलसिला यहीं से आए दिन होने लगा।

7 बार दवा खिलाई, 2 बार गर्भपात करवाया
साल 2009. एक दिन पीड़िता को पेट में बहुत तेज दर्द हो रहा था। फीवर भी था। घरवालों ने फीवर की दवा दी, पर उससे कोई असर नहीं हुआ। उसका दर्द बढ़ने लगा। उल्टियां शुरू हो गईं।

जांच हुई तो पता चला कि वह गर्भवती है। जब यह बात उसके पिता को पता चली तो उसने पीड़िता को दवाई खिला दी, जिससे उसका गर्भ खत्म हो गया।

लेकिन पिता ने उसका रेप करना बंद नहीं किया। इसके बाद 2009 से 2011 के बीच पीड़िता 6 बार और प्रेग्नेंट हुई। 4 बार तो जैसे-तैसे दवा खिलाकर उसका गर्भ खत्म कर दिया गया। लेकिन 2 बार जब दवा से काम नहीं हुआ, तो उसके पिता ने जबरदस्ती डॉक्टर के पास ले जाकर उसका गर्भपात करवा दिया।

गर्भपात के बाद अब पीड़िता की तबीयत बहुत खराब रहने लगी
साल 2012. इतनी बार गर्भपात के बाद अब पीड़िता की तबीयत बहुत खराब रहने लगी। उसके पेट में सूजन हो गई थी। वह दिन भर बस दर्द से कराहती और रोती रहती।

एक दिन उसकी मां चोरी-छिपे उसे डॉक्टर के पास ले गई। उसकी जांच कराई। पता चला कि गर्म दवाई खाने से उसकी किडनी और लिवर में इन्फेक्शन हो गया है। अगर सही समय पर इलाज नहीं मिला तो उसकी जान को खतरा हो सकता है।

उसकी मां ने जब यह बात पिता को बताई, तो वह बोले कि अगर मर जाएगी तो मर जाने दो। यहीं घर के आंगन में गाड़ देंगे, किसी को कुछ पता नहीं चलेगा कि हुआ क्या था?

जब मुख्यमंत्री के पास पहुंच गई पीड़िता
पीड़िता को इस बात का अंदाजा हो गया था कि घरवाले उसका इलाज नहीं कराएंगे। दिन-ब-दिन उसकी तकलीफ बढ़ती जा रही थी। साथ ही उससे अब आए दिन होने वाला गलत काम बर्दाश्त नहीं हो रहा था। जब वह इससे मना कर देती तो पिता उसको मारता-पीटता था।

अपना ही घर अब उसके लिए ऐसा नरक बन गया था, जहां एक मिनट भी सांस लेना मुश्किल था। परेशान होकर पीड़िता घर से भागकर सीधे उस वक्त के सीएम के पास पहुंच गई। उन्हें पूरी बात बताई। सीएम ने तुरंत सभी अधिकारियों को उसके घरवालों को पकड़ने के आदेश दिए। पुलिस ने उसी दिन पीड़िता के पिता, भाई और मां को अरेस्ट कर लिया। पीड़िता का बयान दर्ज हुआ। अब वे तीनों जेल में बंद हैं।

इंसाफ मिला भी और नहीं भी
पीड़िता के परिवार वालों को सजा तो मिल गई थी, लेकिन अब उसका कोई सहारा नहीं था। एक छोटा भाई था जिसे रिश्तेदार अपने साथ ले गए। पर पीड़िता को ले जाने के लिए कोई तैयार नहीं हुआ। उसने गलत के खिलाफ आवाज उठाई, तो रिश्तेदारों ने कहा कि तुमने हमारी नाक कटवा दी। यहां कहानी में आया लखनऊ में रेप पीड़िताओं को सहारा देने वाला एक संस्थान।

अब पीड़िता की कहानी से थोड़ा ब्रेक लेते हैं और इस संस्थान की बात करते हैं…
मां-बाप नहीं अपनाते तो यहां आती हैं रेप पीड़िता
दैनिक भास्कर की टीम उस संस्थान पहुंची। यह संस्थान दो लोग विनीता और आशीष श्रीवास्तव मिलकर 13 साल से चलाते हैं। जब हम यहां पहुंचे, तो हमारी मुलाकात विनीता से हुई। उन्होंने हमें बताया कि हमारे आस-पास कई ऐसी बच्चियां हैं, जिनके साथ रेप जैसी घटनाएं होती हैं।

इसमें अपराध इनका नहीं होता, फिर भी मां-बाप इन्हें अपनाने से मना कर देते हैं। हम अपने संस्थान में ऐसी ही बच्चियों को 18 साल की उम्र तक अपने पास रखते हैं। 18 साल की उम्र के बाद कानूनन हम इन्हें दूसरे संस्थान को सौंप देना होता है।

जितने वक्त ये बच्चियां हमारे पास होती हैं हम इन्हें पढ़ाते हैं, कम्प्यूटर सिखाते हैं साथ ही सलाई-कढ़ाई, आर्टिस्टिक वर्क और ब्यूटी कोर्स जैसी वोकेशनल चीजें भी सिखाई जाती हैं। ऐसा इसलिए कि जब ये बच्चियां यहां से बाहर जाएं तो अपने पैरों पर खड़ी हो पाएं। यहां से निकलने के बाद उनके मां-बाप या कोई और उन्हें परेशान ना कर सके।