मुजफ्फरनगर के लिये खुशखबरीः बनेगा नया कलेक्ट्रेट, यहां मिली जमीन, देंखे विस्तार से

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मुजफ्फरनगर। जनपद के प्रशासनिक मुख्यालय को भीड़भाड़ की जद से बचाने के लिए प्रशासन द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। ऐसे में अब जिला मुख्यालय को शहर से बाहर ले जाने की तैयारी की ओर कदम बढ़ाया जा रहा है। शासन से आये इलेक्ट्रिक बस सेवा के संचालन के लिए प्रस्ताव पर ई-बस स्टैण्ड बनाने की तैयारियों के बीच ही प्रशासन को मिले बड़े लैंड बैंक के बाद नया प्लान वजूद में आ रहा है। इसके लिए जिलाधिकारी के निर्देश पर एडीएम प्रशासन ने नई कलेक्ट्रेट बनाने के लिए प्रस्ताव तैयार कराना शुरू कर दिया है। शासन से मंजूरी मिली तो 197 साल पुराना इतिहास रखने वाली कलेक्ट्रेट को नए जिला मुख्यालय के रूप में पहचान मिलेगी। इसके लिए छपार में मिली करीब 6 हेक्टेयर भूमि पर कलेक्ट्रेट का वजूद खड़ा करने की तैयारी है। इसके साथ ही यहां पर ई-बस स्टैण्ड और जीएसटी कार्यालय का प्रस्ताव बनाया जा रहा है।

बता दें कि शासन से हाल ही में इलेक्ट्रिक बस चलाने की योजना में मुजफ्फरनगर जनपद को चुना गया। इसमें नगरपालिका परिषद् क्षेत्र में 50 ई-बस संचालित कराने के लिए प्रस्ताव भेजने के लिए कहा गया। इसके लिए ई-बस स्टैण्ड की भूमि तलाशने का काम किया जा रहा है। इसी कड़ी में छपार में प्रशासन को करीब 6 हैक्टेयर सरकारी भूमि के रूप में एक बड़ा लैंड बैंक मिला है। यहां पर इतनी भूमि मिलने के बाद ई-बस स्टैण्ड बनाने की समस्या तो दूर होती नजर आई, इसके साथ ही भूमि का लोकेशन हाईवे के नजदीक होने के कारण यहां पर दूसरे बड़े प्लान भी धरातल पर उतारने के लिए प्रशासन ने कवायद शुरू की है।

बुधवार को अपर जिलाधिकारी प्रशासन नरेन्द्र बहादुर सिंह ने अपने कार्यालय में एसडीएम सदर परमानंद झा और अन्य अधिकारी व कर्मचारियों के साथ छपार क्षेत्र में मिले लैंड बैंक और उस भूमि पर ई-बस स्टैण्ड के निर्माण सहित अन्य प्लान को धरातल पर लाने के लिए विचार विमर्श किया। एडीएम प्रशासन ने बताया कि छपार में करीब 6 हेक्टेयर सरकारी भूमि मिली है। इस भूमि पर ई-बस सेवा के लिए बस स्टैण्ड बनाने का प्लान तो किया ही जा रहा है। इसके साथ ही अब यहां पर नई कलेक्ट्रेट बनाने की योजना पर भी काम शुरू किया गया है। साथ ही यहां जीएसटी कार्यालय का निर्माण कराये जाने का विचार भी प्रशासन कर रहा है। इसके लिए एडीएम प्रशासन ने एसडीएम सदर परमानंद झा को पूरा प्रस्ताव तैयार करने के लिए निर्देशित किया है। एसडीएम सदर ने बताया कि छपार में मिली सरकारी भूमि पर नई कलेक्ट्रेट बनाये जाने के लिए प्रस्ताव तैयार करने का काम किया जा रहा है। इसके लिए अन्य विभागों से भी सहयोग लिया जायेगा। इसमें सबसे पहले भूमि की उपलब्धता को लेकर काम हो रहा है। इसके बाद ही आगामी प्लान शुरू होगा। छपार में अच्छी लोकेशन पर भूमि मिली है। माना जा रहा है कि यहां पर नई कलेक्ट्रेट का प्लान करें तो यह भूमि पर्याप्त रहेगी। जिलाधिकारी के निर्देशों के तहत दूसरे नये प्लान भी इस भूमि पर विकसित करने के लिए प्रस्ताव बनाये जा रहे हैं। सम्बंधित विभागों के अधिकारियों के साथ भी यहां पर निरीक्षण कर प्लान पर चर्चा करते हुए रूपरेखा तैयार की जायेगी।

बता दें कि मुजफ्फरनगर को साल 1826 में ईस्ट इंडिया कंपनी शासन ने एक राजस्व जिला बनाया था। इसके साथ ही कोर्ट रोड पर कलेक्ट्रेट की स्थापना करते हुए कलेक्टर नियुक्त किया गया था। करीब 197 साल का इतिहास यह कलेक्ट्रेट अपने आप में समेटे हुए हैं। अब यदि छपार में नई कलेक्ट्रेट के प्रस्ताव को शासन से मंजूरी मिलती है तो नये जिला मुख्यालय के रूप में जिले को पहचान मिलेगी। इसके साथ ही यह प्लान सफल हुआ तो छपार क्षेत्र में रोजगार के नये अवसर भी उपलब्ध होने से वहां का आर्थिक विकास भी होगा।

ठण्डे बस्ते में गया मल्टी स्टोरी कलेक्ट्रेट का प्लान

मुजफ्फरनगर कलेक्ट्रेट को एक मल्टी स्टोरी बिल्डिंग में बदलने का प्लान कई साल से बनाया जा रहा है। इसके लिए दिल्ली के आर्किटैक्स और इंजीनियरों के सहारे मल्टी स्टोरी कलेक्ट्रेट बिल्डिंग का नक्शा भी तैयार किया जा चुका है। इसको मंजूरी के लिए शासन को भेजा जाना था, लेकिन फिलहाल यह ठण्डे बस्ते में चला गया है। अब जिला प्रशासन नये सिरे से नई कलेक्ट्रेट को वजूद में लाने का प्लान कर रहा है। इसके लिए छपार में मिले लैंड बैंक को एक बेहतर विकल्प के रूप में चुना गया है।

कलक्ट्रेट परिसर में अधिकतर जिला स्तरीय कार्यालय होने के कारण भारी भीड़ से जाम की स्थिति रहती है कोर्ट जाने का मुख्य रास्ता भी यही है। एसएसपी आॅफिस के अलावा अधिवक्ताओं के चैंबर भी इसी परिसर से सटे हैं। चकबंदी कार्यालय, एडीएम प्रशासन, सिटी मजिस्ट्रेट और जिला पंचायत कार्यालय भी इसी परिसर में हैं। ऐसे में यहां पर रोजाना हजारों लोगों का आवागमन रहता है। इसी को लेकर साल 2021 में शासन से आये निर्देशों के क्रम में नई कलेक्ट्रेट बनाने पर काम शुरू हुआ। इसके लिए मौजूदा कलेक्ट्रेट को मल्टी स्टोरी कलेक्ट्रेट के रूप में विकसित करने का प्लान बनाया गया। एडीएम प्रशासन नरेंद्र बहादुर सिंह ने नए बहुमंजिली भवन पर काम शुरू किया और इसके लिए नक्शा और प्रस्ताव भी तैयार करा लिया गया था। इसमें जिला स्तरीय अधिकारियों के कार्यालय एक लेन और एक ही मंजिल पर बनाए जाने का प्लान है, यहां डीएम, एडीएम प्रशासन और एडीएम वित्त एवं राजस्व समेत अन्य जिला स्तरीय अधिकारियों के कार्यालय एक लेन पर बनाने का नक्शा तैयार हुआ। जबकि यहां पर अधिवक्ताओं के चैंबर भी अलग मंजिल पर बनाए जाने का प्लान बनाया गया। भीड़ से बचाने के लिए पार्किंग की व्यवस्था का भी फुल पु्रफ प्लान बनाया गया। इसके लिए बेसमेंट भी नक्शे में शामिल किये गये। लेकिन मल्टी स्टोरी कलेक्ट्रेट के इस प्लान को ब्रेक दे दिया गया है। बताया गया कि नक्शा और प्लान तैयार करते हुए डीपीआर बनाकर जिलाधिकारी को सौंप दी गयी थी। इसमें जिलाधिकारी के स्तर से प्रस्ताव मंजूरी की संस्तुति के साथ रिपोर्ट शासन को भेजी जानी थी, लेकिन फिलहाल इसको रोक दिया गया है। इसके पीछे मल्टी स्टोरी कलेक्ट्रेट के बजाये दूसरा बेहतर विकल्प की तलाश को मुख्य कारण माना जा रहा है। अब देखना यह होगा कि छपार वाला प्लान कितना कारगर साबित होता है।