हरियाणा की चर्चित IAS अधिकारी रानी नागर ने फिर दिया इस्तीफा, पढ़े पूरी खबर

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Haryana IAS Officer Rani Nagar: हरियाणा की चर्चि आइएएस अधिकारी रानी नागर ने फिर अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्‍होंने राष्ट्रपति को अपना त्यागपत्र भेजा है। रानी नागर हरियाणा कैडर की 2014 बैच की आइएएस अधिकारी हैं। इससे पहले 2020 में भी उन्‍होंने इस्‍तीफा दे दिया था। हस्तलिखित इस्तीफे की प्रति हरियाणा के मुख्य सचिव व केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग को भी भेजी हस्तलिखित इस्तीफे की प्रति हरियाणा के मुख्य सचिव और केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग को भी भेजी गई है। सात अगस्त से छुट्टी पर चल रहीं रानी नागर ने भारतीय प्रशासनिक सेवा के नियमों का हवाला देते हुए तुरंत प्रभाव से इस्तीफा स्वीकार करने का आग्रह किया है।

इससे पहले भी रानी नागर ने चार मई 2020 को गंभीर आरोप लगाते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। तब केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर व उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती रानी उनके समर्थन में उतर आए थे। इसके बाद प्रदेश सरकार ने उनका इस्तीफा नामंजूर कर दिया था। हालांकि उनके खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए प्रदेश सरकार उनका कैडर हरियाणा से बदलकर उत्तर प्रदेश करने की सिफारिश पहले ही कर चुकी है।

छुट्टी पर चल रहीं रानी गाजियाबाद में ले रही हैं स्वास्थ्य लाभ
आठ मई से अवकाश पर चल रहीं अतिरिक्त सचिव रानी नागर वर्तमान में उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में पैतृक निवास पर स्वास्थ्य लाभ ले रही हैं। विगत 23 अप्रैल को उन्होंने अपनी हत्या की आशंका जताते हुए फेसबुक अकांउट पर एक कारतूस और ताबीज की फोटो शेयर की थी।इससे पहले उन्होंने जून 2018 में पशुपालन विभाग में रहते वरिष्ठ आइएएस पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाया था। यह मामला मुख्यमंत्री के पास भी पहुंचा। रानी ने चंडीगढ़ की जिला अदालत में उक्त आइएएस व यूटी के कुछ पुलिस अफसरों पर मामला भी दर्ज कराया हुआ है।

आइएएस के मानसिक स्वास्थ्य की जांच कराने को तैयार नहीं मां
आइएएस रानी नागर की माता शिमल नागर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अपनी बेटी के मानसिक स्वास्थ्य की जांच कराने को तैयार नहीं है। इस संदर्भ में उन्होंने गाजियाबाद के सिहानी गेट थाना में प्रार्थनापत्र भी दिया है। इसमें उन्होंने लिखा है कि रानी नागर के मानसिक व शारीरिक जांच के लिए उत्तर प्रदेश सरकार या किसी अन्य सरकारी और गैर सरकारी संस्था को अनुमति नहीं दी है। अगर कोई ऐसा करता पाया जाता है तो उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाए।