हिमाचल में कैसा रहा भारत बंद का असर, यहां जाने विस्तार से

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शिमला। केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों के भारत बंद का पहली बार हिमाचल प्रदेश में व्यापक असर देखने को मिला है। सोमवार को सभी जिला मुख्यालयों में किसानों-बागवानों ने धरना-प्रदर्शन किया। प्रदेश भर में जगह-जगह चक्का जाम किया गया। बाजार भी बंद रहे। किन्नौर में टापरी फल मंडी आधा दिन बंद रखी गई। बाहरी राज्यों के लिए दोपहर बाद 4:15 बजे तक बसें नहीं भेजी गईं। प्रदेश के 28 डिपुओं से परिवहन निगम ने परवाणू तक ही बसें भेजीं। इससे यात्रियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा। रविवार रात को रूटों पर रवाना कई बसें दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में फंसी रहीं। बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ से गए ट्रक भी हरियाणा और पंजाब की सीमा पर खड़े रहे।

राजधानी शिमला की विक्ट्री टनल पर सोमवार दोपहर दो घंटे किसानों-बागवानों ने चक्का जाम किया। ठियोग में तीन घंटे वाहनों के पहिये थमे रहे। इस दौरान बाजार भी बंद रहा। कोटखाई में चक्का जाम और बाजार बंद रहे। रामपुर में धरना-प्रदर्शन हुआ। यहां करीब 20 मिनट चक्का जाम किया गया। रोहड़ू में भी चक्का जाम कर बाजार बंद रखा गया। जुब्बल में धरना-प्रदर्शन हुआ। रामपुर के मशनू-दोफदा-फूंजा में दुकानें बंद रहीं। ऊना में एमसी पार्क से लेकर बचत भवन तक रोष रैली निकालकर शहीद भगत सिंह चौक पर चक्का जाम किया गया। एक किसान ने बस पर चढ़कर यातायात रोक दिया। कुल्लू के ढालपुर चौक पर भी आधा घंटा चक्का जाम किया गया। किन्नौर में कांग्रेस ने भी प्रदर्शन किया।

कहां क्या हुआ
सोलन : सोलन, धर्मपुर, कुनिहार सहित बीबीएन, नालागढ़ में प्रदर्शन। सुबह के समय दुकानेें बंद रहीं, लेकिन दोपहर बाद खुल गईं
मंडी : पंजाब के रूटों पर चलने वाली बसों के 26 रूट बाधित रहे। जिला भर में धरना-प्रदर्शन ऊना : बाजार खुले रहे। पंजाब जाने वाले सभी वाहनों की आवाजाही ठप रही। जिला मुख्यालय में किसान सभा ने प्रदर्शन किया
हमीरपुर : मुख्य बाजार से होते हुए गांधी चौक तक रैली निकाली गई
बिलासपुर : हिमाचल के प्रवेश द्वार स्वारघाट बस अड्डा चौक पर करीब डेढ़ घंटा धरना-प्रदर्शन और चक्का जाम