मौत से पहले 40 लोगों की जान बचा गया HRTC का ड्राइवर… बस चलाते वक्त आया हार्ट अटैक, गाड़ी साइड लगाने के बाद तोड़ा दम

HRTC driver saved the lives of 40 people before death… Heart attack came while driving the bus, died after putting the car on side
HRTC driver saved the lives of 40 people before death… Heart attack came while driving the bus, died after putting the car on side
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मंडी: कहते हैं मौत जब आती है तो बहुत कुछ अनिष्ट कर जाती है। मंडीर के गोहर के नजदीक डडोह गांव के सोहनलाल उर्फ सोनू जो हिमाचल पथ परिवहन निगम(HRTC) में बतौर चालक था। उसने अपनी जिंदगी के आखिरी क्षणों में भी लगभग 40 लोगों से भरी बस को ठिकाने पुंहचाकर खुद अपनी जिंदगी की जंग हार गया। मंडी से सराची जा रही बस जब बागा चनोगी पहुंची तो सोहनलाल ने परिचालक से कहा कि बाजू में कुछ दर्द हो रही है यहां पर चाय पी लें फिर आगे चलते हैं। जैसे ही सोहनलाल चालक सीट से नीचे उतरा उसकी टांगे लड़खड़ाने लगी उसने फट से परिचालक को बुलाया व परिचालक ने सोनू को पकड़कर चाय की दुकान पर ले गया। उसकी बिगड़ती हालत को देखकर उसे साथ लगते प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए जहां पर प्राथमिक चिकित्सा देकर डॉक्टर ने उसे मंडी के लिए रेफर कर दिया।

परिवार के सदस्य को दी जाएगी नौकरी
संघ की तरफ से भी सहयोग राशि इकट्ठी की जा रही है। उनके जो भी आगे बकाया राशि हैं उनकी कार्रवाई शुरू कर दी गई है। सरकार की तरफ से जो उनके परिवार के किसी सदस्य को नौकरी दी जाएगी उसकी कार्रवाई नियमानुसार जल्दी शुरू कर दी जाएगी।

परिवार को दी फौरी राहत
क्षेत्रीय प्रबंधक हिमाचल पथ परिवहन निगम मण्डी पीयूष शर्मा ने कहा कि चालक सोहनलाल मिलनसार व मेहनती चालक था। सोहन की अचानक मौत से सभी दुःखी है व डिपार्टमेंट की तरफ से फौरी राहत के तौर पर परिवार को 20000 रुपये व वेलफेयर सोसाइटी की तरफ से 25000 की राशि दी गई हैं।

तीन बेटियों का पिता था सोहन लाल
सोहन लाल अपने पीछे तीन मासूम बेटियां पत्नी माता-पिता छोड़कर गए। सोहन बहुत ही मिलनसार और हंसमुख किस्म के इंसान थे उनकी इस तरह से मौत पर पूरे क्षेत्र में दुख की लहर है। पूर्व मुख्यमंत्री ठाकुर जयराम,नाचन के विधायक विनोद कुमार, कांग्रेस प्रत्याशी रहे ठाकुर चेतराम जगदीश ठाकुर, हरीश ठाकुर ने शोक व्यक्त किया है।

40 लोगों की ऐसे बचाई जान
चालक को एंबुलेंस से श्री लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज नेरचौक पहुंचाया गया तो रास्ते में ही सोहनलाल अपनी जिंदगी की जंग हार चुका था। चालक सोहनलाल ने अपनी सूझबूझ के चलते जाते जाते 40 लोगों की जिंदगी को बचा लिया।