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चंडीगढ़। सात देशों में भारत के राजदूतों ने हरियाणा की अर्थव्यवस्था, कृषि एवं खाद्य संस्करण में उपलब्धियों तथा औद्योगिक निवेश के अनुकूल नीतियों के बारे में जानकारी हासिल की। इससे हरियाणा को अपने राज्य में विदेशी निवेश को आकर्षित करने में मदद मिलेगी।
हरियाणा सरकार की ओर से मुख्य सचिव संजीव कौशल ने विभिन्न देशों में भारतीय राजदूतों को सकल घरेलू उत्पाद, राजस्व संग्रहण, कृषि और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग, निवेश अनुकूल नीतियां, कौशल विकास तथा लाजिस्टिक्स सुविधाओं के बारे में विस्तार से बताया। हरियाणा के समग्र विकास से प्रभावित होकर राजदूतों ने यहां कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण सहित अन्य क्षेत्रों में सहयोग के लिए दिलचस्पी दिखाई है।
मुख्य सचिव के साथ हुई बैठक के बाद सातों देशों में भारतीय राजदूतों ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ मुलाकात की। मुख्यमंत्री से मिलने वाले राजदूतों में लाइबेरिया में भारत के राजदूत प्रदीप कुमार यादव, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में राजदूत रामकरण वर्मा, चीन में भारतीय राजदूत प्रदीप कुमार रावत, इटली में राजदूत डा. नीना मल्होत्रा, पराग्वे में राजदूत योगेश्वर सांगवान, डेनमार्क में भारत की राजदूत पूजा कपूर, गांबिया में भारत के उच्चायुक्त अशोक कुमार शामिल हैं।
मुख्यमंत्री के साथ इन राजदूतों ने विश्व व्यापार और एक जिला-एक उत्पाद जैसे विषयों पर बातचीत की। आकांक्षी जिलों में आधारभूत विकास उपलब्ध कराने को लेकर भी चर्चा की गई। देश के सौ आकांक्षी जिलों में हरियाणा का नूंह जिला शामिल है।
मुख्यमंत्री ने आकांक्षी जिले नूंह में राज्य सरकार की ओर से उपलब्ध कराई जाने वाली सुविधाओं और योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी। संजीव कौशल ने इन राजदूतों को बताया कि लाजिस्टिक्स सुविधाओं के मामले में हरियाणा देश में दूसरे तथा उत्तर भारत में पहले नंबर पर है।
दुनिया की 400 फार्च्यून कंपनियों के कार्यालय गुरुग्राम में स्थापित हैं। देश के क्षेत्रफल का 1.34 प्रतिशत और 2.09 प्रतिशत जनसंख्या के बावजूद हरियाणा का देश के सकल घरेलू उत्पाद में चार प्रतिशत योगदान है। वर्ष 2019 से प्रदेश में 5.22 बिलियन यूएस डालर का निवेश आया है।
राजदूतों को हरियाणा की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं से अवगत कराया गया, जिनमें गुरुग्राम में ग्लोबल सिटी, नारनौल में इंटीग्रेटेड मल्टीमाडल लाजिस्टिक्स पार्क, सोहना में आइएमटी इलेक्ट्रानिक्स विनिर्माण क्लस्टर और खरखौदा में मारुति कंपनी की तीसरी यूनिट का निर्माण शामिल है।
हरियाणा की अर्थव्यवस्था में उद्योग सेक्टर का 46 प्रतिशत योगदान
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने ई-गर्वनेंस के माध्यम से प्रदेश में की जा रही नई पहल से राजदूतों को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि केंद्र के साथ-साथ अन्य राज्य भी हरियाणा की योजनाओं को स्वीकार करते हुए उनका अध्ययन कर रहे हैं। मेरा पानी-मेरी विरासत योजना, फसल विविधिकरण और राज्य की जीडीपी पर विस्तार से चर्चा की गई।
संजीव कौशल ने बताया कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था में कृषि एवं संवर्द्धन गतिविधियों का 17 प्रतिशत, सर्विस सेक्टर का 47 प्रतिशत और उद्योग का 36 प्रतिशत योगदान है। वर्ष 2021-22 में हरियाणा से 28.9 बिलियन यूएस डालर का निर्यात हुआ है। इनमें मुख्य रूप से चावल, आइटी, हथकरघा और हस्तशिल्प, आटोमोबाइल और मेटलवेयर, मशीनरी और पार्ट्स, ड्रग्स एंड फार्मास्युटिकल्स के उत्पाद शामिल हैं।
मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव के साथ हुई बातचीत के अहम बिंदु
ईज आफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में हरियाणा टाप अचीवर्स है।
लाजिस्टिक्स ईज एक्रास डिफरेंट स्टेट लीड्स सर्वे-2022 में हरियाणा अचीवर है।
लैंडलाक राज्यों में निर्यात सूचकांक तैयार करने वाला हरियाणा पहला राज्य है।
एमएसएमई क्षेत्र को बढ़ावा देने व विकास के मामले में हरियाणा देश में तीसरे स्थान पर है।
एमएसएमई क्षेत्र के लिए “एक ब्लाक-एक उत्पाद” पदमा योजना चलाई गई है। इसमें 40 नए क्लस्टर पर फोकस किया जा रहा है।
हरियाणा को इलेक्ट्रिक वाहन हब के रूप में विकसित करने के लिए नई इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) नीति।
श्रीविश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय स्थापित किया गया है। स्किलिंग कोर्स विकसित करने के लिए उद्योग जगत के शीर्ष कंपनियों के साथ भागीदारी।