उत्तराखंड के इस इलाके में भू-धंसाव, मकानों-दुकानों में बड़ी-बड़ी दरारें

Land subsidence in this area of Uttarakhand, huge cracks in houses and shops; Treatment not done even after eight months
Land subsidence in this area of Uttarakhand, huge cracks in houses and shops; Treatment not done even after eight months
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साहिया। कालसी ब्लाक की ग्राम पंचायत टिपऊ के पजिटीलानी में 19 जुलाई 23 को भू धंसाव के कारण मकानों व दुकानों में बड़ी-बड़ी दरारें आई थी, लेकिन अभी तक कोई भी सुरक्षात्मक कार्य नहीं कराए गए हैं। वर्तमान में हालत यह है कि मकानों व दुकानों के शटर, दरवाजे व खिड़कियां भी नहीं खुल पा रही हैं। ग्रामीणों ने वर्षा सीजन से पूर्व प्रशासन से धंसाव का ट्रीटमेंट कराने की मांग की है।

जौनसार बावर क्षेत्र का प जिटीलानी ऐसा स्थान है जहां पर मिनी स्टेडियम में हर साल बड़े स्तर पर आयोजन होते हैं। मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक पजिटीलानी आए, लेकिन अभी तक कोई भी सुरक्षात्मक कार्य नहीं कराए गए हैं। पजिटीलानी में राजकीय इंटर कालेज, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, पशु चिकित्सालय, बहुदेशीय सरकारी समिति भवन आदि हैं, लेकिन पजिटीलानी में अभी तक मात्र क्षेत्रीय पटवारी के अलावा कोई समक्ष अधिकारी नहीं आया।

पजिटीलानी में 20 परिवार कारोबार करते हैं, किसी की दुकानें व किसी के होटल हैं। इसके अलावा स्थानीय लोग भी पजिटीलानी में रहते हैं। बरसात में फिर से आपदा का खतरा मंडराने की आशंका से स्थानीय लोग दहशत में हैं। भू धंसाव होने से पजिटीलानी में पहले करीब एक किलोमीटर लंबी दरार आ गई थी। जिससे बस्ती में कई ग्रामीणों के आवासीय भवन के जमींदोज होने का खतरा बढ़ गया है।

ग्राम पंचायत टिपऊ ग्राम प्रधान सुरेंद्र शर्मा का कहना है कि तहसील प्रशासन को सूचित करने के बाद भी आजतक कोई अधिकारी व कर्मचारी यहां देखने तक नहीं आया है। ग्रामीण जीतराम, विक्की, मोहन सिंह, रणवीर सिंह, नरेंद्र, श्याम सिंह, दाताराम, चतर, राजेश, कुन्दन सिंह, महावीर सिंह, विरेंद्र, भवान सिंह, महेंद्र, टीकाराम आदि का कहना है कि प्रशासन को समय रहते वर्षाकाल से पूर्व सुरक्षात्मक कार्य कराने चाहिए, नहीं तो बरसात में भू धंसाव बढ़ने से बड़ा नुकसान हो सकता है।

उधर, चकराता के उपजिलाधिकारी योगेश मेहरा के अनुसार यह मामला उनके संज्ञान में नहीं है। क्षेत्रीय पटवारी से इस संबंध में पजिटीलानी में मकान व दुकानों में दरारें आने व भू-धंसाव की स्थिति की रिपोर्ट मांगी जाएगी।