नई दिल्ली। तीन राज्यों में विधानसभा चुनाव के सफल फॉर्मूला को अपनाते हुए भाजपा ने लोकसभा चुनाव की घोषणा के पहले ही एक तिहाई से अधिक उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी। 195 उम्मीदवारों वाली पहली सूची में पहला नाम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का है, जो अपने पुराने क्षेत्र वाराणसी से तीसरी बार मैदान में होंगे। उनके साथ ही राजनाथ सिंह लखनऊ और अमित शाह गांधीनगर से फिर मैदान में होंगे।
शिवराज और ओम बिरला पर भाजपा को भरोसा
जबकि फिलहाल राज्यसभा आए केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव को राजस्थान के अलवर, मनसुख मांडविया को गुजरात के पोरबंदर और राजीव चंद्रशेखर को केरल के तिरूअनंतपुरम से टिकट दिया गया है। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लव देब को भी टिकट मिला है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को कोटा से फिर से टिकट मिल गया है। सामान्यतया भाजपा अपने उम्मीदवारों की सूची मे बड़ी संख्या में चेहरे का बदलाव करती है। लेकिन इस बार अब तक जारी सूची में बदलाव केवल उन राज्यों में दिख रही है जहां विपक्षी गठबंधन का नया समीकरण उभरा है या फिर उम्मीदवार के खिलाफ भारी सत्ताविरोधी लहर है।
दिल्ली में चार नए उम्मीदवारों की घोषणा
दिल्ली इसका बड़ा उदाहरण है जहां कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन हुआ है। पार्टी ने अब तक जारी पांच उम्मीदवारों की सूची में से चार नए नाम दिए हैं। नई दिल्ली से मंत्री मीनाक्षी लेखी का टिकट काटकर यहां नई कार्यकर्ता और सुषमा स्वराज की पुत्री बांसुरी स्वराज को उम्मीदवार बनाया है। छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में कुछ नामों के बदलाव का बड़ा कारण यह भी है कि वहां कई सांसदों को विधानसभा चुनाव लड़ाया गया था।
राज्यवार सीटों पर उम्मीदवारों का एलान
दो दिन पहले हुई केंद्रीय चुनाव समिति में तय किये गए उम्मीदवारों की जानकारी देते हुए भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े ने कहा कि पहली सूची में 16 राज्यों के लोकसभा सीटें शामिल हैं। इनमें उत्तरप्रदेश की 80 में 51, पश्चिम बंगाल की 42 में 20, मध्यप्रदेश की 29 में 24, गुजरात की 26 में 15, केरल में 21 में 12, तेलंगाना में 17 में नौ, असम में 14 में 11, झारखंड में 14 में 11, छत्तीसगढ़ में सभी 11, दिल्ली में सात में पांच, जम्मू -कश्मीर में छह में दो, उत्तराखंड में पांच में तीन, अरुणाचल प्रदेश में दोनों, त्रिपुरा में दो में एक के साथ ही दमन-दीव और अंडमान निकोबार की एक-एक सीटें शामिल हैं।
भाजपा ने मनोज तिवारी पर जताया भरोसा
दिल्ली में मनोज तिवारी के छोड़कर अन्य चार चेहरे नए हैं। विनोद तावड़े के अनुसार उम्मीदवारों के चयन में सभी वर्गों, समाज और जातियों को प्रतिनिधित्व दिया गया है। इनमें 34 महिलाएं, 27 अनुसूचित जाति, 18 अनुसूचित जनजाति और 57 ओबीसी से आते हैं। वहीं युवा शक्ति को अहमियत देते हुए 50 साल से कम उम्र के 47 युवाओं को भी मैदान में उतारा गया है। केरल में कांग्रेस के दिग्गज नेता एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी और अभिनेता सुरेश गोपी के साथ तिरुवनंतपुरम से शशि थरूर के खिलाफ केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर को उतार कर भाजपा ने केरल को तिलिस्म तोड़ने की भी रणनीति बनाई है। वहीं पिछले दिनों भाजपा में शामिल हुई कांग्रेस की सांसद गीता कोडा को सिंहभूम से टिकट दिया गया है।
400 पार के लक्ष्य को रखा ध्यान में
इसी तरह से बसपा को छोड़कर भाजपा में आने वाले रितेश पांडेय को भी अंबेडकरनगर से उम्मीदवार बनाया गया है। भाजपा की पहली सूची में 34 केंद्रीय मंत्रियों को भी स्थान मिला है। विनोद तावड़े के अनुसार उम्मीदवारों का चयन भाजपा को 370 और राजग को 400 से अधिक सीटों के लक्ष्य को ध्यान में रखकर किया गया है। इसके लिए स्थानीय स्तर पर सर्वे कराने के बाद प्रदेश की चुनाव समितियों में उम्मीदीवारों के नामों पर चर्चा हुई। प्रदेश चुनाव समितियों की रिपोर्ट के आधार पर प्रधानमंत्री मोदी और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा की मौजूदगी में हुई केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में उम्मीदवारों के चयन पर मुहर लगाई गई।