शाहरुख के बेटे आर्यन पर लगी NDPS एक्ट की धाराएं, जानें क्या हैं ये, कितनी सजा

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नई दिल्ली। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान और सात अन्य लोगों को गिरफ्तार किया है। इन सभी पर नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। एनडीपीएस एक्ट के तहत देश में रोजाना न जाने कितने मामले दर्ज होते हैं। आखिर क्या है एनडीपीएस एक्ट और इसके तहत क्या कार्रवाई हो सकती है।

NCB की ओर से कौन सी धाराएं लगाई गई हैं
NCB ने अब तक NDPS अधिनियम की चार धाराओं को लगाया है। इसमें एक्ट की धारा 8 (सी) शामिल है। इस एक्ट में ड्रग्स व दूसरे नशीले पदार्थ के उत्पादन, रखने, बेचने, खरीदने, उपभोग करने, आयात करने, निर्यात करने के लिए व्यापक प्रावधान हैं। इसके साथ ही धारा 20 (बी) भांग के उपयोग से संबंधित है, धारा 27 किसी भी मादक दवा के सेवन से संबंधित है और धारा 35 जो आपराधिक मानसिक स्थिति का अनुमान है।

आज नहीं मिल सकी जमानत
मुंबई में क्रूज पर रेव पार्टी में पकड़े गए शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान तीन लोगों को आज कोर्ट से जमानत नहीं मिल पाई है। आर्यन खान, अरबाज मर्चेंट और मुनमुन धमेचा को 7 अक्टूबर तक NCB की हिरासत में भेजा दिया गया। एनसीबी को कोर्ट से अभी आर्यन खान, अरबाज मर्चेंट और मुनमुन धमेचा की ही रिमांड मिली है। एनसीबी की कोश‍िश है कि बाकी 5 गिरफ्तार आरोपियों की भी रिमांड ले सके। आर्यन खान को एनसीबी की हिरासत में भेजे जाने से पहले उनके वकील सतीश मानेशिंदे ने काफी देर तक अपना पक्ष रखा।

कब आया NDPS एक्ट
नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) एक्ट 1985 में आया। देश में किसी भी नशीले पदार्थ की रोकथाम के लिए इसे बनाया गया। इसके तहत नशीले पदार्थ का प्रोडक्शन, स्टोरेज, बिक्री और इसका ट्रांसपोर्ट शामिल है। इसके तहत सजा का निर्धारण किस प्रकार का नशीला पदार्थ है और उसकी मात्रा कितनी है इस पर निर्भर करता है। इस एक्ट के लागू होने के एक साल बाद 1986 में नारकोटिक्ट कंट्रोल ब्यूरो की स्थापना की गई।

कितनी मिलेगी सजा
एनडीपीएस एक्ट के तहत सजा को लेकर अलग- अलग प्रावधान है। इस अपराध में उन्हें जमानत मिल जाती है जिन्होंने सिर्फ नशीले पदार्थ का सेवन किया है और किसी प्रकार के व्यापार में शामिल नहीं है। ड्रग्स कम मात्रा में लिया है तो एक साल कैद और जुर्माना का प्रावधान है। ड्रग्स के व्यापार में शामिल किसी व्यक्ति को 10 से 20 साल तक की सजा हो सकती है। साथ ही एक से दो लाख रुपये तक का जुर्माना भी। ड्रग्स खरीदने और बेचने के मामले में काफी कुछ ड्रग्स की मात्रा पर निर्भर करता है। एनडीपीएस एक्ट की धारा 31 एक के तहत अधिकतम सजा दी जाती है। ऐसे मामलों में जमानत सिर्फ उन्हीं को मिल पाती है जो व्यापार में शामिल न होकर सेवन तक भूमिका रहती है।

पिछले कुछ समय मे देश में एनडीपीएस एक्ट के तहत दर्ज होने वाले मामलों की संख्या बढ़ी है। बॉलीवुड के एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद यह मामला काफी सुर्खियों में आया। एक बार फिर शाहरुख खान के बेटे की गिरफ्तारी के बाद ड्रग्स और इस एक्ट की चर्चा हो रही है। एक अनुमान के मुताबिक साल में 72 हजार से ज्यादा मामले दर्ज हुए हैं।