इस्लामाबाद: पाकिस्तान की जर्नलिस्ट आरजू काजमी जो भारत में भी काफी पॉपुलर हैं, उनका एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। आरजू इस वीडियो में एक भारतीय मौलाना से बात करती हुई नजर आ रही हैं। वीडियो में मौलाना बता रहे हैं कि युवक जो जिहाद को करते हुए मारे जाते हैं, उन्हें जन्नत में 72 हूरें मिलती हैं और ये हूरें उनके अच्छे काम का नतीजा होती हैं। लेकिन आरजू के इस सवाल पर कि आखिर जो महिला इस्लाम का पूरी सच्चाई के साथ पालन करती है, उसे क्या मिलता है, उस पर मौलाना का जवाब काफी हंसाने वाला है। यह मौलाना कोई और नहीं बल्कि ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के प्रेसीडेंट मौलाना साजिद रशीदी हैं।
जन्नत के नक्शे में हूर और शराब
आरजू ने मौलाना से पूछा, ‘जन्नत को जो नक्शा बताया गया है जिसमें कहा गया है कि वहां पर शराब और 72 हूरें मिलेंगी, वह भी अय्याशी का एक अड्डा है या नहीं? इस पर मौलाना साजिद रशीदी ने कहा, ‘अल्लाह के हुकूम को मानना दीन है। शराब कुरान में शराब को हराम कहा गया है तो यह हराम है। अगर कुरान यह कहता है कि जन्नत में जाने के बाद शराब-ए-तहूर यानी पाक पानी दे रहा है तो उस पर एतराज नहीं होना चाहिए।’ इसके बाद आरजू ने पूछा, ‘अगर कोई महिला इस्लाम का पालन करती है तो उसे क्या मिलेगा?’ इस पर आरजू को जवाब मिला, उस पर मौलाना को ट्रोल किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि यह वीडियो साल 2022 का है और उस समय का है जब काजमी ने मौलाना का इंटरव्यू किया था।
Most exhilarating conversation ever seen in recent times 🙌 pic.twitter.com/2Z4ctJYv8W
— Rishi Bagree (@rishibagree) May 25, 2023
महिलाओं को क्या मिलेगा
मौलाना ने कहा कि अगर कोई महिला इस्लाम के हर नियम को मानती है तो फिर उसे हूरों का सरदार बनाया जाएगा और उसे वही शौहर मिलेगा जो धरती पर था। मौलाना रशीदी ने उन जवान लड़कों का जिक्र नहीं किया जो जन्नत में भी उपलब्ध होंगे। आरजू ने उनसे पूछा कि महिलाओं के लिए 72 हूरों जैसा कोई नियम क्यों नहीं बनाया गया और उन्हें एक ही पति क्यों मिलेगा जबकि पति के पास हूरों का झुंड होगा? मौलाना रशीदी के पास इसका कोई जवाब नहीं था और उन्होंने कहा कि काजमी को यह सवाल अल्लाह से पूछना चाहिए जिसने स्वर्ग में मुसलमानों के लिए यह नियम बनाया है।
सिर्फ मुसलमान ही क्यों
काजमी ने रशीदी से यह भी पूछा था कि सिर्फ मुसलमानों को ही जन्नत में दाखिल होने की मंजूरी क्यों है और बाकी धर्मों के लोग वहां क्यों नहीं जा सकते हैं? इस पर उन्होंने कहा कि जन्नत में दाखिल होने के लिए मुसलमान होना जरूरी है, लेकिन यह हर मुसलमान को जन्नत में दाखिल होने की गारंटी नहीं देता। उन्होंने आगे कहा कि गैर-विश्वासी या गैर-मुस्लिम कभी भी स्वर्ग नहीं जा सकते क्योंकि उन्होंने इस्लाम को स्वीकार नहीं किया है और अल्लाह के फरमानों का पालन नहीं किया है। मौलाना रशीदी ने इसी इंटरव्यू में कहा था कि यहूदी और ईसाई ने इस्लाम को बदनाम करने की साजिश कर रहे थे। इसी साजिश के तहत ही 9/11 जैसी घटना को अंजाम दिया गया था।