अमीर हो रहे हिमाचल के लोग, प्रति व्यक्ति आय बढ़ी; विकास दर में आई कमी

People of Himachal getting richer, per capita income increased; Decline in growth rate
People of Himachal getting richer, per capita income increased; Decline in growth rate
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शिमला: हिमाचल प्रदेश की खस्ता माली हालत के बावजूद यहां के लोग अमीर हो रहे हैं। प्रदेशवासियों की औसत कमाई में 10 फीसदी का उछाल आया है। पिछले साल तक हिमाचल की प्रति व्यक्ति आय दो लाख एक हजार 271 रुपए थी। चालू वित्तीय वर्ष के खत्म होने तक इसके दो लाख 22 हजार 227 रुपया हो जाने का अनुमान लगाया जा रहा है। यह जानकारी वीरवार को हिमाचल विधानसभा में पेश आर्थिक सर्वेक्षण में सामने आई।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने वीरवार को सदन में प्रदेश की आर्थिक सेहत का ब्यौरा रखा। वितीय वर्ष 2022-23 के आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल की तुलना में इस बार प्रति व्यक्ति आय में 10.4% की वृद्धि अनुमानित है। खास बात यह है कि हिमाचल प्रदेश की अनुमानित प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय प्रति व्यक्ति आय से 51 हज़ार 607 रुपये अधिक है।हालांकि हिमाचल की विकास दर में पिछले साल की तुलना में गिरावट आई है। इस वितीय वर्ष में विकास दर के 6.4 फीसदी रहने का अनुमान है। जबकि वितीय वर्ष 2021-22 में विकास दर 7.6 फीसदी थी।हिमाचल के सकल घरेलू उत्पाद का आकार वितीय वर्ष 2021-22 में 1,26,433 करोड़ था, जिसका इस वितीय वर्ष में 8,143 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी के बाद 1,34,576 करोड़ रुपए रहने का अनुमान है।

सर्वेक्षण के आंकड़ों पर नजर डालें तो, हिमाचल प्रदेश में इस साल पर्यटकों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है।कोरोना काल के बाद पहली बार पर्यटकों की तादाद बढ़ी है। इस वितीय वर्ष में 150.99 लाख पर्यटकों ने हिमाचल के रुख किया है। कोरोना काल में पर्यटकों की संख्या एक तिहाई रह गई थी। कोरोना काल में प्रदेश के विभिन्न पर्यटन स्थलों पर 2020-21 में 32.13 लाख पर्यटक पहुंचे थे, 2021-22 में बढ़कर 56.37 लाख और 2022-23 में 150.99 लाख हो गए।सर्वेक्षण के अनुसार इस वर्ष सेवा क्षेत्र में 49527 करोड़ का अनुमान है, जोकि पिछले वर्ष की तुलना में 46370 करोड़ के साथ 6.9 फीसद अधिक दर्शाता है। द्वितीयक क्षेत्र में पिछले साल 56408 करोड़ था और इस वर्ष 60444 करोड़ अनुमानित है। प्राथमिक क्षेत्र में इस वर्ष 16717 करोड़ होगा, जोकि पिछले वर्ष 16395 करोड़ था और इस क्षेत्र में 2 फीसदी की वृद्धि होने की संभावना है। हिमाचल में बेरोजगारी दर सबसे कम सभी पड़ोसी और अखिल भारतीय स्तर पर हिमाचल प्रदेश में बेरोजगारी दर सबसे कम 4.0 प्रतिशत है। राष्ट्रीय स्तर पर बेरोजगारी दर 4.1 फीसद, उत्तराखंड में 7.8 फीसद, पंजाब में 6.4 और हरियाणा में 9.0 फीसद है।

सर्वेक्षण के आंकड़े बयां कर रहे हैं कि हिमाचल प्रदेश की महिलाएं परिश्रम के मामले में देश और पड़ोसी राज्यों में बहुत आगे है। हिमाचली महिलाओं का प्रतिशत 50.5 फीसद सबसे अधिक आया है। जबकि अखिल भारतीय स्तर और पड़ोसी राज्यों की तुलना में अधिक है। खेतों में काम करने से लेकर कार्यालयों में काम करने में भी हिमाचली महिलाओं की भूमिका अधिक है। प्रदेश की महिलाएं आर्थिक गतिविधियों में अधिक सक्रियता से भाग लेती हैं।

सर्वेक्षण में सामने आया है कि हिमाचल प्रदेश के लोग श्रम बल में आगे हैं। वर्ष 2021-22 की सर्वे रिपोर्ट अनुसार सभी आयु के श्रम बल में हिमाचल प्रदेश की भागीदारी 58.1 फीसद, उत्तराखंड की 40.8 फीसद, पंजाब की 41.3 फीसद, हरियाणा की 35.4 फीसद और अखिल भारतीय स्तर पर 41.3 फीसद है। इसके अतिरिक्त श्रमिक जनसंख्या अनुपात यानि 15 वर्ष की आयु से अधिक में हिमाचल की स्थिति 55.8, उत्तराखंड 37.6, पंजाब 38.6, हरियाणा 32.3 और अखिल भारतीय स्तर पर 39.6 फीसद है। प्रदेश इस श्रेणी में भी सबसे आगे खड़ा है।

सर्वेक्षण के अनुसार हिमाचल प्रदेश में पांच नदियों में 27436 मेगावाट जल विद्युत उत्पादन करने की क्षमता है। राज्य की कुल जल विद्युत क्षमता में से अब तक 10519 मेगावाट का दोहन हो चुका है और जिसमें से 7.6 फीसद हिमाचल प्रदेश सरकार के नियंत्रण में है। शेष विद्युत उत्पादन केंद्र सरकार द्वारा दोहन किया जा रहा है।