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चंडीगढ़: एक तरफ जहां मोबाइल ने हमारी जिंदगी के आधे कामों को आसान बना दिया है तो वहीं दूसरी ओर मोबाइल के ज्यादा इस्तेमाल के कारण लोगों को इसके नकारात्मक परिणाम भी भुगतने पड़ रहे हैं. जो कि खास तौर पर युवाओं के व्यवहार को प्रभावित कर रहा है. नॉर्थ इंडिया की जानी मानी स्लीप एक्सपर्ट डॉक्टर मोनिका शर्मा की माने तो ज्यादातर युवाओं में तनाव , चिड़चिड़ापन और डिप्रेशन होने का ये एक मुख्य कारण है.
डॉक्टर मोनिका का कहना है कि मोबाइल को जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल करने से व्यक्ति का स्लीप पैट्रन बिगड़ जाता है जिसका सीधा असर उसकी पूरी दिनाचर्या पर पड़ता है. मोबाइल पर अधिक समय बिताने से शरीर के साथ-साथ याददाश्त पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. याददाश्त कमजोर हो सकती है. और ये सब रात भर फोन चलाने और नींद पूरी ना होने के कारण होता है.
किन बातों का रखे ख्याल
* डॉक्टर मोनिका की मानें तो रात को सोने से 1 घंटा पहले मोबाइल को साइड में रख देना चाहिए.
* फोन को साइड में रखने के अलावा कोशिश करनी चाहिए कि सभी तरह की नोटिफिकेशन को भी बंद किय़ा जाए ताकि नींद लेते वक्त किसी तरह का खलल ना पड़े.
* कोशिश करें कि करीब 6-7 घंटे की नींद पूरी करे.
* कोशिश करें कि सोते हुए किसी भी तरह के इलेक्ट्रॉनिक गैजेट अपने पास ना रखे.