उत्तराखंड के गांवों में पुलिस संभालेगी कानून व्यवस्था, अंकिता हत्याकांड के बाद सरकार ने उठाया कदम

Police will take care of law and order in the villages of Uttarakhand, after the Ankita murder case, the government took steps
Police will take care of law and order in the villages of Uttarakhand, after the Ankita murder case, the government took steps
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देहरादून: उत्तराखंड के 1800 राजस्व गांवों में कानून व्यवस्था अब रेगुलर पुलिस संभालेगी। सरकार ने राजस्व पुलिस की व्यवस्था को समाप्त कर इन गांवों को रेगुलर पुलिस के अधीन करने के लिए अधिसूचित कर दिया है। पहले चरण में 52 थाने और 19 पुलिस चौकियों का सीमा विस्तार किया जाएगा। राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में लगभग 7500 गांव ऐसे हैं, जहां पर कानून व्यवस्था का जिम्मा राजस्व पुलिस के पास है। लेकिन अब वर्षों पुरानी राजस्व पुलिस व्यवस्था समाप्त कर सरकार इन गांवों को रेगुलर पुलिस के अधीन लाने जा रही है। सरकार मानना है कि इन गांवों में नियमित पुलिस व्यवस्था होने से अपराध व असामाजिक गतिविधियों में कमी आएगी।

दूसरे चरण में 6 नए थाने व 20 पुलिस चौकियों का गठन किया जाएगा। इसके तहत नए थाने व चौकियों का गठन कर लगभग 1444 राजस्व ग्राम नियमित पुलिस व्यवस्था के अधीन करने की प्रकिया जल्द पूरी की जाएगी। विशेष सचिव रिद्धिम अग्रवाल ने इसकी पुष्टि की है।

जिलावार राजस्व गांवों की संख्या
सरकार की ओर से नियमित पुलिस व्यवस्था के लिए अधिसूचित राजस्व गांवों में देहरादून जिले के 4, उत्तरकाशी के 182, चमोली के 262, टिहरी के 157, पौड़ी के 148, रुद्रप्रयाग के 63, नैनीताल के 39, अल्मोड़ा के 231, पिथौरागढ़ के 595, बागेश्वर के 106, चंपावत के 13 गांव शामिल हैं।

अंकिता हत्याकांड के बाद सरकार ने उठाया कदम
अंकिता भंडारी हत्याकांड में राजस्व पुलिस पर उठे सवालों के बाद सरकार ने इस मामले में बड़ा कदम उठाया है। दरअसल, उत्तराखंड को तीन क्षेत्रों में डिवाइड किया गया है। इन तीनों में अलग-अलग अधिनियम लागू होते हैं, जो राजस्व अधिकारियों को गिरफ्तारी और जांच का अधिकार देते हैं। पहला क्षेत्र है कुमाऊं और गढ़वाल डिवीजन की पहाड़ी पट्टी। दूसरा, टिहरी और उत्तरकाशी जिले की पहाड़ी पट्टी और तीसरा क्षेत्र है देहरादून जिले का जौनसार-बावर क्षेत्र।