यूपी के इस शहर में रेड लाइट पर लगेगा ‘रडार’, ऐसे करेगा ट्रैफिक जाम से निजात

'Radar' will be installed on red light in this city of UP, this way it will get rid of traffic jam
'Radar' will be installed on red light in this city of UP, this way it will get rid of traffic jam
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मेरठ। यूपी में मेरठ के चौराहों पर लगी ट्रैफिक लाइट अब ‘रडार’ यानि सेंसर आधारित आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस डिवाइज से संचालित होंगी। इसके बाद वाहनों के दबाव के अनुसार ही हर चौराहा संचालित होगा, जिससे जाम से निजात मिलेगी। एक चौराहे को छोड़कर शेष पर ‘रडार’ लगाने का काम पूरा हो चुका है। अब केवल सॉफ्टवेयर अपडेट होने का इंतजार है।

मेरठ शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य से इंटीग्रेटेड ट्रेफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) पर काम किया गया। 28 करोड़ से आठ चौराहे चिह्नित करते हुए उन पर व्यवस्था बनाई गई। हर चौराहे पर आरएलवीडी और एएनपीआर कैमरे लगाए गए।

इस व्यवस्था से चौराहों का नजारा बदला जरूर लेकिन जिस तरह के परिणाम की उम्मीद थी, वैसे परिणाम नहीं मिले। चौराहे जाम से जूझ रहे हैं और व्यवस्था सवालों से घिरी है। हाल ही में इन चौराहों को ‘रडार’ यानि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस डिवाइज सिस्टम से लैस किया गया है, जिसके बाद समस्या से निजात दिलाए जाने का दावा किया जा रहा है।

दबाव अधिक तो लाइट हो जाएगी ग्रीन
वर्तमान की जो व्यवस्था है, उसमें चौराहे फिक्स प्रोग्राम व क्रम के अनुरूप चल रहे हैं। ‘रडार’ सिस्टम में वाहनों का दबाव क्रम निर्धारित करेगा। वह उस रूट को प्राथमिकता देगा, जिधर से टैफिक अधिक आ रहा है। करीब 70 से 100 मीटर तक ट्रैफिक का दबाव मिलते ही सेंसर सक्रिय हो जाएगा।

‘रडार’ का यह रहेगा काम
चौराहे पर लगे ट्रैफिक सिग्नल मैन्युअल व ऑटोमेटिक दो तरह से संचालित होते हैं। मैन्युअल में सिग्नल लाइट की टाइमिंग एक बार ही फिक्स कर दी जाती है। ऑटोमेटिक के लिए ‘रडार’ यानि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस डिवाइज का प्रयोग होता है। सात चौराहों पर कुल 31 डिवाइस लगाई गई हैं।

चौराहों पर रडार संख्या
– कमिश्नर आवास – 05
– हापुड़ अड्डा – 04
– गांधी आश्रम – 04
– तेजगढ़ी- 04
– हापुड़ चुंगी – 03
– बच्चा पार्क – 04
– डिग्गी तिराहा – 03
– जेलचुंगी – 04

आईटीएमएस, टेक्निकल टीम इंचार्ज, रंजीत मुखर्जी ने कहा कि एटीसीएस यानि एडोप्टिव ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम के अंतर्गत रडार लगाया जाता है। यह सभी सीधे तौर पर ट्रैफिक सिग्नल से जोड़ दिए जाते हैं। जिस ओर वाहनों का दबाव मिलेगा, रडार उस तरफ का सिग्नल ग्रीन रखेगा।