रेपो रेट पर आरबीआई का बड़ा ऐलान: EMI वाले क्लिक करके पढ़ें खबर

RBI's big announcement on repo rate: EMI people click to read the news
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भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2024-25 की पहली मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक के नतीजों का ऐलान हो गया है. RBI ने आम जनता को राहत देते हुए रेपो रेट को 6.50 फीसदी पर बरकरार रखा गया है. रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी पर है और बैंक रेट 6.75 फीसदी पर स्थिर रखा गया है. आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने 5:1 बहुमत से नीतिगत दर पर फैसला लिया. इसके अलावा RBI ने कोर महंगाई से लेकर विदेशी मुद्रा भंडार को लेकर भी बड़ा खुलासा किया है. आइए आपको रिजर्व बैंक के गवर्नर के संबोधन की 10 बड़ी बातें बताते हैं…

RBI गवर्नर ने GDP पर कही बड़ी बात

मीटिंग के बाद RBI गवर्नर ने देश की GDP के लिए बड़ी बात कही है. उन्होंने अनुमान जताया है कि चालू वित्त वर्ष में देश की इकोनॉमी 8 फीसदी की दर से बढ़ सकती है. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होता है तो यह केंद्र सरकार के अग्रिम अनुमान 7.6 प्रतिशत से कहीं ज्यादा होगी.

ईटीनाउ को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, ”मुझे यह कहने में कोई संकोच नहीं होगा कि वित्त वर्ष 2024 में भारत की जीडीपी वृद्धि 7.6% से अधिक होगी, यह 8% के करीब हो सकती है.” मौद्रिक नीति समिति की फरवरी की बैठक के दौरान किए गए पूर्वानुमान की पुष्टि करते हुए शक्तिकांत दास ने कहा- मेरा मानना ​​​​है कि भारत की इकोनॉमी वित्त वर्ष 2025 में भी 7 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है.

बता दें, आरबीआई गवर्नर की प्रतिक्रिया इसलिए भी अहम है क्योंकि वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही के आंकड़ों ने हर अनुमान को गलत ठहराया है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक भारतीय अर्थव्यवस्था इस तिमाही में 8.4 प्रतिशत की दर से बढ़ी है. यह विश्लेषकों की 6.6 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद से बेहतर है.

बढ़ रहा विदेशी मुद्रा भंडार

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से बढ़ रहा है. RBI गवर्नर ने मीटिंग के दौरान कहा कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 645.6 अरब डॉलर के रिकॉर्ड हाई पर आ गया है और ये आंकड़ा 29 मार्च 2024 को छू लिया गया है. कुछ समय पहले विदेशी मुद्रा भंडार को लेकर चिंताएं बनी थी लेकिन आरबीआई ने इस विषय को मजबूती से हैंडल किया और भरोसे को बरकरार रखा.

महंगाई पर क्या बोले RBI गवर्नर?

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि महंगाई दर की चिंताओं का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि जनवरी 2024 में महंगाई दर घटकर 5.1 फीसदी पर आ गई लेकिन चिंताएं अभी भी बनी हुई हैं. ये हमारे 4 फीसदी के लक्ष्य से अभी 110 बेसिस प्वाइंट दूर है.आरबीआई का लक्ष्य महंगाई दर को 4 फीसदी तक लाना है.

RBI गवर्नर के संबोधन की 10 बड़ी बातें
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 645.6 अरब डॉलर के रिकॉर्ड हाई पर आ गया है और ये आंकड़ा 29 मार्च 2024 को छू लिया गया है. कुछ समय पहले विदेशी मुद्रा भंडार को लेकर चिंताएं बनी थी लेकिन आरबीआई ने इस विषय को मजबूती से हैंडल किया और भरोसे को बरकरार रखा.

कोर महंगाई दर में कमी देखने को मिली है लेकिन ये आरबीआई के तय लक्ष्य 4 फीसदी से ऊपर है. इसे नियंत्रित लक्ष्य में लाना प्राथमिकताओं में बरकरार है.
अर्थव्यवस्था के हित में ये जरूरी है कि सीपीआई यानी कोर प्राइस इंफ्लेशन को तय दायरे में लाया जाए.

आरबीआई महत्वपूर्ण आर्थिक मुद्दों से निपटने और जरूरी कदम उठाने के लिए बेहतर स्थिति में है. एमपीसी मुद्रास्फीति को आरबीआई के चार फीसदी के लक्ष्य के अनुरूप करने की अपनी प्रतिबद्धता पर दृढ़ रहेगी.

वैश्विक स्तर पर राजनीतिक तनाव, व्यापारिक मार्ग पर बाधाओं से चिंता बनी हुई है.

एमपीसी उदार रुख को वापस लेने के फैसले पर कायम है और विड्रॉल ऑफ अकोमेडेशन का रुख यथावत रखा गया है.

वित्त वर्ष 2025 की चारों तिमाही में जीडीपी के लिए 7 फीसदी या इससे ज्यादा दर का लक्ष्य तय किया गया है. केवल दूसरी तिमाही में 6.9 फीसदी का टार्गेट तय किया गया है.

भारतीय रुपये की स्थिरता भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती के मुताबिक ही है और इसमें ठोस आधार देखा जा रहा है.

देश में सरकारी सिक्योरिटीज, गवर्नमेंट बॉन्ड्स में तेजी से निवेश बढ़ रहा है.
खाद्य महंगाई दर में लगातार उतार-चढ़ाव बरकरार है लेकिन वित्त वर्ष 2025 के दूसरी तिमाही में ये आरबीआई के तय लक्ष्य 4 फीसदी के भीतर आने और 3.8 फीसदी पर रहने का अनुमान है.