नई दिल्ली। कमजोरी से किसी से हाथ मिलाना या सीढ़ियां चढ़ते समय हांफना . पिछले कई दशकों में एक्सपर्ट ने कई ऐसे संकेतों से पर्दा उठाया है जो यह बताते हैं कि आपको समय से पहले मौत का खतरा है. लेकिन अब एक्सपर्ट ने और भी कुछ चीजों के बारे में बताया है.
रिसर्च से पता चलता है कि 10 सेकंड के लिए एक पैर पर संतुलन बनाने में असमर्थ होना एक चेतावनी संकेत है कि आपकी समय से पहले मौत हो सकती है.
डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, 50 से 75 वर्ष की आयु के 2,000 लोगों पर किए गए इस शोध में ब्राज़ीलियाई एक्सपर्ट्स ने पाया कि जो लोग 10 सेकंड के लिए एक पैर पर खड़े नहीं हो पाए, उनके जल्दी मरने की संभावना उन लोगों की तुलना में 84 फीसदी ज्यादा थी जो इस टेस्ट में पास हुए थे.
एक पैर पर बैलेंस बनाना-
हाल ही में हुई एक स्टडी के मुताबिक, जो लोग एक पैर पर खड़े होकर बैलेंस नहीं बना पाते उनकी मौत का खतरा काफी ज्यादा होता है. ब्राजील के रिसर्चर्स ने पाया कि जो लोग 10 सेकंड के लिए फ्लेमिंगो पोजिशन में खड़े नहीं हो पाते, उनके मरने की संभावना उन लोगों की तुलना में दोगुनी हो जाती है जो इसे आसानी से कर लेते हैं.
स्टडी के दौरान सभी प्रतिभागियों को बिना किसी सहारे के 10 सेकंड के लिए एक पैर पर खड़े होने के लिए कहा गया. इस दौरान प्रतिभागियों से एक पैर को दूसरे पैर के पीछे रखने के लिए और दोनों हाथों को साइड में रखने के लिए कहा गया. एक पैर पर खड़े होने के लिए उन्हें सिर्फ तीन मौके दिए गए.
वॉकिंग स्पीड- एक पैर पर संतुलन नहीं बना पाने के कारण, बुजुर्ग लोग जो धीरे-धीरे चलते हैं ,उनमें भी जल्दी मौत का खतरा काफी ज्यादा पाया जाता है.
फ्रांस के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एंड मेडिकल रिसर्च के शोधकर्ताओं ने 65 साल से ज्यादा की उम्र वाले 3200 लोगों की 5 सालों तक चलने की स्पीड को मापा. स्टडी के दौरान सभी प्रतिभागियों को 6 मीटर लॉन्ग कॉरिडोर पर चलने के लिए कहा गया था. इस दौरान सभी प्रतिभागियों की स्पीड को तीन अलग-अलग प्वॉइंट्स में मापा गया.
रिजल्ट में यह बात सामने आई कि सबसे धीरे चलने वाले पुरुष 90 मीटर प्रति मिनट (हर 18 मिनट में एक मील) चले, जबकि सबसे तेज़ चलने वाले 110 मीटर प्रति मिनट (हर 15 मिनट में एक मील) से अधिक तेज़ चले.
इस बीच, सबसे धीमी महिला वॉकर ने 81 मीटर प्रति मिनट (हर 20 मिनट में एक मील) की दूरी तय की, जबकि सबसे तेज चलने वाली महिला ने कम से कम 90 मीटर प्रति मिनट की दूरी तय की.
विश्लेषण से पता चला है सबसे धीमे चलने वाले लोगों में जल्दी चलने वाले लोगों की तुलना में मौत का खतरा 44 फीसदी ज्यादा था.
शोधकर्ताओं ने कहा कि तेज चलने वाले लोग फिट हो सकते हैं और उनकी हार्ट हेल्थ भी अच्छी होती है.
बैठना और उठना
बिना किसी सहारे के बैठना और फिर उठना इस बात की तरह इशारा करता है कि आपकी सेहत कैसी है और आप कितना लंबा जी सकते हैं. शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन लोगों को नीचे बैठने के बाद उठने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है, उनके मरने की संभावना पांच गुना अधिक होती है.
ब्राजील में गामा फिल्हो विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों की एक टीम ने 51 से 80 आयु वर्ग के 2,002 लोगों को भर्ती किया, जिनका बैठने और उठने का टेस्ट लिया गया.
जो प्रतिभागी नंगे पांव थे और काफी ढीले-ढ़ाले कपड़े पहने हुए थे, उनसे कहा गया कि वह बिना किसी सहारे के जमीन पर पैर मोड़कर बैठें. इसके बाद उन्हें बिना किसी सहारे के उठने के लिए कहा गया. सभी प्रतिभागियों को 10 में स्कोर दिए गए. जिन लोगों का उठते-बैठते समय बैलेंस बिगड़ रहा था, उनके प्वाइंट भी काटे गए.
रिसर्च के अंत में पाया गया कि जिन लोगों को उठते-बैठते दिक्कत का सामना करना पड़ रहा था या जिन्होंने 10 में से जीरो लेकर 3 तक स्कोर किया था, उनके मरने की संभावना उन लोगों की तुलना में 5.4 गुना ज्यादा पाई गई जिन्होंने इस टेस्ट को पास किया.
सीढ़ियां चढ़ना- आप आसानी से सीढ़ियां चढ़ पाते हैं या नहीं, ये भी इस चीज की तरफ इशारा करता है कि आप लंबा जिएंगे या जल्दी मर जाएंगे. स्पेन में शोधकर्ताओं ने 12,000 से अधिक लोगों को ट्रेडमिल पर दौड़ाया. यह रिसर्च 5 सालों तक चली. इस दौरान सभी प्रतिभागियों के हार्ट को मॉनिटर किया गया.
फिट लोगों की तुलना में खराब सेहत वाले लोगों में डेथ रेट तीन गुना ज्यादा पाया गया. इस रिसर्च से जुड़े वैज्ञानिकों ने बताया कि अगर आप अपनी हार्ट हेल्थ के बारे में पता लगाना चाहते हैं तो तीन मंजिल तक सीढ़ियों पर बिना रुके चलें. अगर आप ऐसा कर पाते हैं तो समझ लें कि आपकी हार्ट हेल्थ काफी अच्छी है.
पुशअप्स- जिन लोगों को 10 पुशअप्स करने में काफी दिक्कत होती है, उनमें दिल के दौरे या स्ट्रोक की संभावना उन लोगों की तुलना में दोगुनी होती है जो 40 पुशअप्स करते हैं. शोधकर्ताओं की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने यह पता लगाया कि क्या शारीरिक फिटनेस और हृदय रोग के जोखिम के बीच कोई संबंध है.
उन्होंने 1,100 फायर फाइटर्स को रिसर्च में शामिल किया जिन्हें नियमित रूप से 2000 और 2010 के बीच एक लोकल मेडिकल क्लिनिक में ज्यादा से ज्यादा पुशअप्स करने के लिए कहा गया था. 10 साल तक मॉनिटर करने पर 37 लोगों में हार्ट डिजीज का पता चला. रिसर्च में पाया गया कि जो लोग 40 से ज्यादा पुशअप्स कर सकते थे, उनमें हार्ट डिजीज का खतरा काफी कम था.