… तो 8 महीने ही जेल में बिताने होंगे सिद्धू को, मिलेगा भगवंत मान की नजदीकियों का फायदा?

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पटियाला : सजायाफ्ता कांग्रेस नेता और पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू को एक साल की जेल हुई है। लेकिन, अगर उनका आचरण अच्छा रहा, जेल अधीक्षक उनकी सजा कम करने की पहल करते हैं और पंजाब सरकार चाहेगी तो उनकी चार महीने की सजा कम हो जाएगी और उन्हें महज 8 महीने ही जेल में काटने होंगे। वहीं सिद्धू को जेल हुई लेकिन कांग्रेस का कोई भी बड़ा नेता उनके घर या समर्थन में नहीं आया।

सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को एक साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। इस कठोर कारावास के दौरान उन्हें जेल की फैक्ट्री में काम करने की 48 दिन की छूट खुद मिल जाएगी। एक जेल अधिकारी ने कहा बताया कि एक दोषी को प्रति माह चार दिन की छूट मिलती है, जिसमें पहले तीन महीने का प्रशिक्षण भी शामिल है, जिसका उसे भुगतान नहीं मिलता है।

जेल अधीक्षक को क्या अधिकार?
जेल अधीक्षक के पास दोषी की सजा से 30 दिन और छूट देने का अधिकार है। यह आमतौर पर घोर अनुशासनहीनता में लिप्त लोगों को छोड़कर, लगभग सभी दोषियों को अच्छे आचरण का लाभ मिलता है। पुलिस महानिदेशक (जेल) या अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (जेल) को अतिरिक्त 60 दिनों की तीसरी छूट प्रदान करने का अधिकार है, लेकिन यह आमतौर पर असाधारण मामलों में और राजनीतिक सहमति से दिया जाता है।

सिद्धू को भगवंत मान से मिलेगा लाभ?
सिद्धू के मामले में, मुख्यमंत्री भगवंत मान से निकटता के कारण उन्हें इस छूट का लाभ मिलने का एक अच्छा मौका है। सीएम ने हाल ही में सिद्धू के साथ बैठक की थी, जो एक विपक्षी दल के एकमात्र राजनेता थे।

नैतिक समर्थन देने नहीं आया कोई बड़ा नेता
पंजाब की कांग्रेस इकाई का कोई भी वरिष्ठ नेता शुक्रवार को न तो नवजोत सिंह सिद्धू के आवास पर और न ही पटियाला की उस अदालत में नजर आया जहां उन्होंने आत्मसमर्पण किया था। सिद्धू को नैतिक समर्थन देने के लिए उनके समर्थक माने जाने वाले कुछ पूर्व विधायक शुक्रवार सुबह पटियाला स्थित उनके आवास पर पहुंचे।

सरेंडर के दौरान ये रहे मौजूद
पटियाला स्थित उनके आवास पर पहुंचने वालों में पूर्व विधायक नवतेज सिंह चीमा, अश्विनी सेखरी, सुरजीत सिंह धीमान, हरदयाल सिंह कम्बोज, प्रिमल सिंह, नजर सिंह मनशाहिया और जगदेव सिंह कमलू शामिल थे। वे सिद्धू के साथ उस अदालत में भी गए जहां उन्होंने आत्मसमर्पण किया। वे माता कौशल्या देवी अस्पताल में भी मौजूद थे जहां सिद्धू का मेडिकल परीक्षण किया गया था। बाद में सिद्धू को पटियाला जेल भेज दिया गया।