Junk Food पर अब नहीं चलेगी दुकानवालों की मनमानी, सरकार लाने वाली है ये गाइडलाइन

The arbitrariness of the shopkeepers will no longer work on junk food, the government is going to bring this guideline
The arbitrariness of the shopkeepers will no longer work on junk food, the government is going to bring this guideline
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Ready to eat food: भारत में Ready to Eat Food का चलन ऐसा है कि चाहें बच्चे हो, युवा हों, बड़े हों या फिर बुजुर्ग सभी की पहली पसंद बाहर बाजार में मिलने वाला Ready to Eat Food बन चुका है लेकिन इसमें सबसे बड़ी समस्या यह है कि बाजार में मिलने वाले Ready to Eat Food जैसे Sandwich, Burger, Cream Roll पर कभी भी यह नहीं लिखा होता है कि इसे कब बनाया गया और कब खराब होगा.

हां आप दुकानदार से पूछते होंगे तो वो तो यही जवाब देता होगा कि आज ही बना है, अभी बना है. जिस पर भरोसा करने के अलावा आपके पास और कोई चारा नहीं बचता होगा लेकिन अब स्थिति बदलने वाली है, क्योंकि Zee News को मिली Exclusive जानकारी के मुताबिक स्वास्थ्य मंत्रालय के अंतर्गत काम करने वाली भारत सरकार की Food Safety and Standards Authority of India यानी (FSSAI) एक कानूनी गाइडलाइन लाने वाली है, जिसके मुताबिक बाजार में मिलने वाले सभी Ready to eat food जैसे सैंडविच, बर्गर, क्रीम रोल, पेटीज जिसे दुकानदार प्लास्टिक से Wrap करके बेचते हैं उस पर नियम लागू होने के बाद यह लिखना जरूरी हो जाएगा कि यह फूड कब बना था, बनाने में किस Material का उपयोग किया गया और इसे कब तक खाया जा सकता है यानी BEST BEFORE की तारीख.

जानकारी के मुताबिक FSSAI के पास बीते कई वर्षों से शिकायत आ रही थी कि कई दुकानदार ग्राहकों को कई दिन पुराना Y TO EAT FOOD ताजा होने का दावा करके बेचते थे. इतना हीं नहीं FSSAI द्वारा Y TO EAT FOOD बेचने वाली दुकानों पर छापा मारने पर भी FSSAI की टीम ने कई बार पाया था कि दुकानों पर पुराना बासी Y TO EAT JUNK FOOD ग्राहकों को बेचा जा रहा है. ऐसे में बाजार में बिकने वाले Y TO EAT JUNK FOOD की क्वालिटी को बेहतर रखने की कड़ी में FSSAI इस तरह की गाइडलाइन को बनाने पर काम कर रही है. इसका एक दूसरा पक्ष है कि जर्नल ऑफ मेडिकल साइंस के अनुमान के मुताबिक भारत में हर वर्ष 20 लाख से ज्यादा लोगों की मौत खराब खाना और पानी के सेवन से होती है और आंकड़ों के लिहाज से देखें तो खराब खाने के सेवन की वजह से मौत के मामले में भारत विश्व में दूसरे स्थान पर है.