3 तरफ से घेरी पहाड़ी फिर दौड़ा-दौड़ाकर मारे 29 नक्सली, ऐसे हुआ पूरा एनकाउंटर

The hill was surrounded from 3 sides and then they ran and killed 29 Naxalites, this is how the entire encounter happened
The hill was surrounded from 3 sides and then they ran and killed 29 Naxalites, this is how the entire encounter happened
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रायपुर: घने जंगल के बीच केवल कदमों की आवाज, एकदम से सन्नाटा और फिर गोलियों की तेज आवाज। ये फिल्म का सीन नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ के कांकेर में हुए सबसे बड़े नक्सली एनकाउंटर की एक झलक है। इस मुठभेड़ का एक वीडियो इंटरनेट पर तेजी से घूम रहा है। वीडियो किसी सुरक्षाकर्मी ने शूट किया है। इस एनकाउंटर में 29 नक्सली मारे गए।

इनामी नक्सली भी हुए ढ़ेर

मारे गए नक्सलियों में 50 लाख रुपये से अधिक का इनाम रखने वाला सीनियर कैडर भी शामिल है। कांकेर के एसपी कल्याण एलेसेला ने बताया, ‘मारे गए नक्सलियों में सीनियर माओवादी कमांडर शंकर राव और ललिता भी शामिल थे। उन पर 25-25 लाख रुपये का नकद इनाम था। एक अन्य कैडर, विनोद गावड़े भी इस मुठभेड़ में मारा गया है। गावडे के सिर पर 10 लाख रुपये का इनाम था। वह राजनांदगांव, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों में सक्रिय था।
भारी मात्रा में हथियार बरामद

मुठभेड़ के बाद तलाशी अभियान में भारी मात्रा में इंसास/एके 47, एसएलआर, कार्बाइन, .303 राइफल समेत कई स्वचालित हथियार जब्त किए गए। बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक पी सुंदरराज ने कहा कि यह संभवतः बस्तर में अब तक की सबसे बड़ी मुठभेड़ है। उन्होंने कहा कि मुठभेड़ में सीमा सुरक्षा बल और जिला रिजर्व गार्ड के तीन सुरक्षाकर्मी गोली लगने से घायल हो गए और लोगों को निकालने की प्रक्रिया जारी है। उन्होंने कहा कि उनकी हालत स्थिर है और खतरे से बाहर है।

बीएसएफ और डीआरजी ने किया ज्वॉइंट ऑपरेशन

मुठभेड़ कांकेर जिले के बीनागुंडा गांव के पास हापाटोला जंगल में दोपहर करीब 2 बजे हुई। इसे सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और राज्य पुलिस के जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) की संयुक्त टीम ने अंजाम दिया।

सुरक्षाकर्मी ने जो वीडियो बनाया है, वह एक मिनट लंबा है। इसमें सुरक्षाकर्मियों को जंगल से गुजरते हुए दिखाया गया है। अचानक 20 सेकंड के बाद उनमें से एक अपनी राइफल से दो गोलियां चलाता है। कई तरफ से चिल्लाने की आवाजें आ रही हैं और वीडियो शूट कर रहा व्यक्ति अपने आगे चल रहे कर्मियों को सावधानी से चलने और आगे न बढ़ने की चेतावनी देता है। वह अपने साथी कर्मियों को चेतावनी देते हुए कहते हैं, ‘पीछे से कोई फायर नहीं करेगा भाई।’

मुठभेड़ में शामिल टीम का नेतृत्व राष्ट्रपति पुरस्कार विजेता लक्ष्मण केवट ने किया, जिन्हें छह अन्य पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया है। एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के तौर पर मशहूर उन्होंने अब तक 44 माओवादियों को मार गिराया है। आईजी सुंदरराज ने कहा, डीआरजी और बीएसएफ को सीनियर नक्सली नेताओं की मौजूदगी के इनपुट मिले थे। इसी आधार पर वह तलाशी अभियान पर निकले थे।

घायल जवानों को एयरलिफ्ट करने के लिए हेलिकॉप्टर घटनास्थल पर पहुंचे थे, लेकिन लैंडिंग की समस्या के कारण उन्हें वापस लौटना पड़ा। बाद में घायल जवानों को एयरलिफ्ट करने के लिए नाइट लैंडिंग से लैस एक और हेलिकॉप्टर भेजा गया।