अभी-अभी: राजस्थान के तीन मंत्रियों ने दिया इस्तीफा, आज शाम तक…

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जयपुर. राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार में मंत्रिमंडल Cabinet पुनर्गठन का काउनडाउन शुरू हो गया है. माना जा रहा है कि अब एक-दो दिन में ही मंत्रिमंडल पुनर्गठन की कवायद पूरी कर ली जाएगी. संभावना 21 या 22 नवंबर को मंत्रिमंडल पुनर्गठन की जताई जा रही है. मंत्रिमंडल पुनर्गठन की कवायदों के बीच शनिवार की शाम 5 बजे गहलोत मंत्रिपरिषद की बैठक बुलाई गई है. माना जा रहा है कि इस मंत्री परिषद की बैठक में डॉ. रघु शर्मा, हरिश चौधरी, गोविंद सिंह डोटासरा समेत कई मंत्रियों के इस्तीफे लिए जा सकते हैं.

राजस्थान कांग्रेस प्रदेश प्रभारी अजय माकन के जयपुर दौरे और उनकी ओर से आए बयान ने भी इन कयासों को और हवा दे दी है. माकन ने कहा है कि मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा, हरीश चौधरी और डॉ रघु शर्मा ने कांग्रेस आलाकमान को पत्र लिखकर इस्तीफे की पेशकश की है और संगठन में काम करने की इच्छा को दोहराया है. यानी मंत्रिमंडल में तीन जगह है और खाली होने वाली है. राज्य मंत्रिमंडल में अधिकतम 30 मंत्री हो सकते हैं और वर्तमान में मुख्यमंत्री समेत कुल 21 मंत्री है. मंत्रिमंडल में अभी 9 पद खाली है और तीन मंत्रियों के इस्तीफे से यह संख्या बढ़कर 12 हो जाएगी.

नॉन परफॉर्मर मिनिस्ट होंगे बाहर
सूत्रों के मुताबिक मंत्रिमंडल पुनर्गठन में कुछ और नॉन परफॉर्मर मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखा कर नए चेहरों को शामिल किया जा सकता है. यह माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल पुनर्गठन में आधे चेहरे नए होंगे. अब मंत्रिमंडल से बाहर होने वाले चेहरों के साथ ही नए शामिल होने वाले चेहरों को लेकर भी कयासों का सिलसिला शुरू हो गया है. माना जा रहा है कि नए नामों में सचिन पायलट गुट के विधायकों की संख्या ज्यादा होगी.

नए मिनिस्टर की दौड़ में शामिल नए नाम
शकुंतला रावत
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– अलवर के बानसूर विधानसभा सीट से 2 बार की विधायक हैं
– महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष राष्ट्रीय महासचिव रह चुकी है
– महिला चेहरे के तौर पर मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है

महेंद्रजीत सिंह मालवीय
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– तीन बार के विधायक है और पूर्व में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं
– बांसवाड़ा जिले की बागीदौरा सीट से विधायक है
– पार्टी का बड़ा आदिवासी चेहरा है

खिलाड़ीलाल बैरवा
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– धौलपुर जिले की बसेड़ी सीट से विधायक है
– पूर्व में लोकसभा सांसद रह चुके हैं
– SC वर्ग के प्रतिनिधित्व के तौर पर कैबिनेट में जगह दी जा सकती है

हेमाराम चौधरी
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– छह बार के विधायक हैं और पूर्व में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं
– बाड़मेर की गुडामालानी सीट से विधायक हैं
– पायलट खेमे से ताल्लुक रखते हैं
– जाट चेहरे के तौर पर मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है

विश्वेंद्र सिंह
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– तीन बार के विधायक हैं और कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं
– सियासी संकट के दौरान मंत्री पद छोड़ना पड़ा था
– फिर से मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है
– भरतपुर की डीग-कुम्हेर सीट से विधायक हैं

रामलाल जाट
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– चार बार के विधायक है और पूर्व में मंत्री रह चुके हैं
– भीलवाड़ा की मांडल सीट से विधायक है
– जाट चेहरा है और सीएम गहलोत के करीबी हैं

गोविंदराम मेघवाल
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– बीकानेर के खाजूवाला से दो बार के विधायक है
– SC वर्ग से प्रतिनिधित्व के तौर पर मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है

नरेंद्र बुडानिया
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– दो बार के विधायक हैं
– पूर्व में लोकसभा और राज्यसभा सांसद रह चुके हैं
– जाट चेहरे के तौर पर कैबिनेट मंत्री बनाया जा सकता है

मुरारी लाल मीणा
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– पायलट के में से मंत्री के तौर पर शामिल किया जा सकता है
– एसटी वर्ग से हैं और तीन बार के विधायक हैं
– पूर्व में भी मंत्री रह चुके हैं

डॉ. महेश जोशी
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– दो बार के विधायक हैं और पूर्व में लोकसभा सांसद रह चुके हैं
– अभी मुख्य सचेतक की भूमिका में है
– जयपुर की हवामहल सीट से विधायक हैं
– कैबिनेट मंत्री के तौर पर मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है

बृजेंद्र सिंह ओला
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– तीन बार के विधायक हैं और पूर्व में मंत्री रह चुके हैं
– पायलट के में से मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है

डॉ. जितेंद्र सिंह
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– पांच बार के विधायक है और पूर्व में मंत्री रह चुके हैं
– झुंझुनू की खेतड़ी सीट से विधायक हैं

डॉ. राजकुमार शर्मा
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– झुंझुनू की नवलगढ़ सीट से 3 बार के विधायक हैं
– पूर्व में राज्य मंत्री रह चुके हैं

राजेंद्र सिंह गुढा
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– बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए विधायकों में शामिल हैं
– दो बार के विधायक और पूर्व में भी मंत्री रह चुके हैं

रमेश चंद मीणा
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– करौली के सपोटरा से तीन बार के विधायक हैं
– पूर्व में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं
– सियासी संकट के दौरान मंत्री पद छोड़ना पड़ा था
– पायलट खेमे से फिर से मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है

मंजू देवी
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नागौर की जायल सीट से 2 बार के विधायक है और पूर्व में मंत्री रह चुकी हैं
– SC वर्ग से महिला चेहरे के तौर पर शामिल किया जा सकता है

महादेव सिंह खंडेला
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– छह बार के विधायक हैं, पूर्व में केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं
– निर्दलीय विधायक हैं और सीएम गहलोत के करीबी हैं
– सियासी संकट के दौरान साथ देने का इनाम मिल सकता है

बाबूलाल नागर
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– चार बार के विधायक हैं और पूर्व में मंत्री रह चुके हैं
– निर्दलीय विधायक हैं और सीएम गहलोत के करीबी हैं
– SC वर्ग से प्रतिनिधित्व के तौर पर मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है

इन नामों की भी चर्चा
इनके अलावा भी कई ऐसे नाम है जिन्हें मंत्रिमंडल की दौड़ में शामिल माना जा रहा है. इन नामों में कामा विधायक जाहिदा खान, बांदीकुई विधायक गजराज खटाना, हिंडौन विधायक भरोसीलाल जाटव, पीपल्दा विधायक रामनारायण मीणा, सांगोद विधायक भरतसिंह कुंदनपुर, नावां विधायक महेंद्र चौधरी, धरियावद विधायक नगराज मीणा, धोद विधायक परसराम मोरदिया, सीकर विधायक राजेंद्र पारीक, श्रीमाधोपुर विधायक दीपेंद्र सिंह और खेरवाड़ा विधायक दयाराम परमार जैसे नाम शामिल है. लॉटरी किन नामों की लगती है यह देखने वाली बात होगी. मंत्रिमंडल 15 गठन में जातिगत फैक्टर के साथ ही लॉयल्टी फैक्टर भी बहुत मायने रखेगा. प्रदेश के करीब 16 जिले ऐसे हैं जिनसे अभी एक भी मंत्री नहीं है. ऐसे में इन जिलों को प्रतिनिधित्व देने का भी मंत्रिमंडल पुनर्गठन में ध्यान रखा जाएगा. संभावना जताई जा रही है कि आज शाम होने वाली मंत्रिपरिषद की बैठक में मंत्रियों से इस्तीफे लिए जा सकते हैं और उसके बाद सीएम गहलोत राज्यपाल से मुलाकात कर सकते हैं.