10 हजार के गिफ्ट के चक्कर में यूपी के अधिकारी ने 35 लाख गवाएं

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गोरखपुर। दस हजार रुपये के गिफ्ट के चक्कर में जिले में तैनात एक युवा कल्याण अधिकारी ऐसे फंसे कि 35 लाख रुपये गंवा दिए। जब कहीं से पैसा देने को नहीं बचा तब जाकर उन्हें साइबर जालसाजी की जानकारी हुई। अधिकारी का दिमाग जालसाजों ने इस कदर भ्रमित कर दिया कि लालच के चक्कर में 35 लाख रुपये में से 15 लाख तो उन्होंने बैंक से लोन लेकर दे दिया है। पीड़ित अधिकारी ने अब पुलिस में शिकायत की है। साइबर थाने में केस दर्ज कर पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

गोरखपुर में क्षेत्रीय युवा कल्याण अ​धिकारी के पद पर गोरखपुर के दक्षिणांचल इलाके के एक ब्लॉक में तैनात अ​धिकारी के मोबाइल पर दो फरवरी को टेलीग्राम पर एक संदेश आया। बताया गया कि दस हजार रुपये लगाकर उससे वे रुपये कमा सकते हैं और गिफ्ट अलग से मिलेगा। इसी लालच में आकर अ​धिकारी ने पहली बार दस हजार रुपया लगा दिया। इसके बाद उन्हें बदले में दस हजार रुपये बढ़कर मिले।

इसके बाद तो अ​धिकारी की लालच बढ़ती ही गई। वह रुपया लगाते चले गए। एक बार उन्हें संदेश मिला कि इस बार बहुत बढ़ा गिफ्ट आ गया। उन्होंने खोला तो उसमें तीन लाख रुपये का बाउचर दिखा लेकिन उसे पाने के लिए फिर रुपये डालने को कहा गया। क्योंकि उस वक्त तक वे जितना रुपये जीते थे वह रुपया माइनस में दिखा रहा था। एक बार फिर जालसाज के बुने गए जाल में अ​धिकारी फंसे और रुपया डाल दिए।

कुल मिलाकर 6 अप्रैल तक वह कर्ज लेकर 34 लाख 76 हजार रुपये जालसाज के खाते में भेज दिए और जब भेजने के लिए उनके पास कुछ नहीं बचा तो तब उन्हें ठगी की जानकारी हुई। अब उन्होंने केस दर्ज कराकर रुपये वापसी के लिए पुलिस से सिफारिश की है। एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि तहरीर के आधार साइबर थाने में केस दर्ज कर लिया गया है। पुलिस केस दर्ज कर जांच कर रही है। जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।