यूपी: सारस के दोस्‍त आरिफ की मुश्किलें बढ़ीं, पहले मुकदमा हुआ; अब लग सकता है जुर्माना

UP: Saras's friend Arif's problems increased, the case came first; can now be fined
UP: Saras's friend Arif's problems increased, the case came first; can now be fined
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अमेठी। सारस से दोस्ती को लेकर चर्चा में आए मो. आरिफ पर वन विभाग ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। इस मुकदमे में मो. आरिफ की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। मो. आरिफ का दोष साबित होने पर उन्हें जुर्माने से दंडित किया जा सकता है। मामले में एसडीओ जांच के बाद अपनी रिपोर्ट डीएफओ को सौंपेंगे। डीएफओ द्वारा ही निर्णय किया जाएगा।

जामो विकास क्षेत्र के जोधनपुर मंडखा निवासी मो. आरिफ सारस पक्षी से दोस्ती को लेकर चर्चा में आए थे। मो. आरिफ का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद 5 मार्च को जिले के दौरे पर आए पूर्व सीएम अखिलेश यादव आरिफ से मिलने पहुंच गए। अखिलेश ने मो. आरिफ और सारस के साथ सोशल मीडिया पर फोटो ट्वीट करते हुए सरकार पर तंज कसा। इसके बाद सारस और आरिफ की दोस्ती में ट्विस्ट आ गया। मामले में गौरीगंज प्रभाग के प्रभागीय वन अधिकारी रणबीर मिश्र ने 9 मार्च को मो. आरिफ के विरुद्ध वन संरक्षण अधिनियम की विभिन्न धाराओं में अभियोग पंजीकृत कर लिया। इसी बीच सारस को आरिफ के पास से ले जाकर पहले समसपुर पक्षी विहार रायबरेली और फिर कानपुर चिड़ियाघर पहुंचा दिया गया।

24 मार्च को प्रभागीय वन अधिकारी द्वारा मो. आरिफ को पूछताछ के लिए बुलाए जाने का नोटिस सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा। जारी किए गए नोटिस में आरिफ पर दर्ज किए गए मुकदमे की धाराओं के संबंध में हिंदुस्तान ने पड़ताल की। जिले के डीएफओ डीएन सिंह ने बताया कि वन्य संरक्षण अधिनियम में जीव जंतुओं को छह अनुसूची के अंतर्गत रखा गया है। सारस पक्षी अनुसूची चार के अंतर्गत आता है। यह एक संरक्षित पक्षी है। ऐसे में इसे पालना और किसी प्रकार की क्षति पहुंचाना अपराध की श्रेणी में आता है। उन्होंने बताया कि प्रभागीय वन अधिकारी द्वारा बिंदुओं की जांच की जा रही है।

डीएफओ लेंगे निर्णय
वन संरक्षण अधिनियम की अनुसूची 3 व 4 के अंतर्गत वर्णित जीवों से जुड़े किसी भी मुकदमे में प्रभागीय वन अधिकारी स्तर से ही सुनवाई का प्रावधान है। हालांकि यदि वन विभाग चाहे तो जांच के बाद मामला कोर्ट को ट्रांसफर कर सकता है जबकि अनुसूची एक व अनुसूची दो के भाग (2 )में वर्णित जीवों को लेकर सिर्फ न्यायालय स्तर पर ही निर्णय होता है।

सूचना क्यों नहीं दी?
वन विभाग इस बात की जांच में लगा है कि आरिफ द्वारा सारस मिलने के बाद इसकी सूचना वन विभाग को क्यों नहीं दी गई इसके साथ ही सारस की प्रकृति परिवर्तन के लिए कोई प्रयास किए गए अथवा उससे कोई अनुचित लाभ अर्जित किया गया? इसकी भी जांच की जा रही। बताया जा रहा है कि मामले में अपराध व परिस्थिति के मुताबिक जुर्माना लगाया जाता है।

प्रियंका गांधी ने फिर साधा निशाना
आरिफ और सारस के प्रकरण में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जहां लगातार प्रदेश सरकार को निशाने पर ले रहे हैं वहीं कांग्रेस की रष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने सोमवार को दोबारा फेसबुक पोस्ट लिखकर सरकार पर निशाना साधा। प्रियंका ने आरिफ और सारस की तस्वीर लगाते हुए लिखा कि रक्षकों का सम्मान करना हमारे देश की परंपरा है। प्रेम की मिसाल कायम करने वालों को इस देश में सराहा जाता है। लेकिन, यूपी सरकार को क्या सूझा जो सारस की जान बचाने वाले, उसको दोस्त की तरह रखने वाले रक्षक को नोटिस भेजा जा रहा है। प्रेम, संवेदना के प्रति ये अन्याय कतई सही नहीं है।