उत्तराखंड लोकसभा चुनाव में आचार संहित सरकारी कर्मचारियों को देगी टेंशन, प्रमोशन से जुड़ा मामला

Uttarakhand Lok Sabha elections will give tension to government employees regarding code of conduct, issue related to promotion
Uttarakhand Lok Sabha elections will give tension to government employees regarding code of conduct, issue related to promotion
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देहरादून: उत्तराखंड लोकसभा चुनाव में आचार संहिता से कर्मचारियों के प्रमोशन लटक गए हैं। प्रमोशन का लाभ देने को सरकार की ओर से पदोन्नति में जरूरी समय की अर्हता में शिथिलता दी गई थी। ये राहत मिलते ही राज्य में आचार संहिता लागू हो गई। चार जून तक आचार संहिता प्रभावी रहने से तब तक प्रमोशन अटके रहेंगे। 30 जून को प्रमोशन में दी जाने वाली ये राहत भी समाप्त हो जाएगी। उत्तराखंड में कई विभागों में पदोन्नति के पद बड़ी संख्या में खाली है। बिना पदोन्नति में शिथिलता के इन पदों पर प्रमोशन का लाभ नहीं मिल सकता। इन्हीं विभागों में प्रमोशन के खाली पद भरने को सरकार ने शिथिलता की व्यवस्था दी।

इसके तहत यदि किसी पद पर प्रमोशन को सेवा दस साल की चाहिए, तो शिथिलता मिलने के बाद पांच वर्ष की सेवा में भी प्रमोशन हो सकेंगे। पदोन्नति में शिथिलता की ये राहत लेने को कर्मचारी संगठनों को लंबी लड़ाई लड़नी पड़ी। लंबे आंदोलन के बाद जब ये राहत छह महीने के लिए मिली।

तो आचार संहिता लगने से कर्मचारी इसका लाभ नहीं ले पाए। चार जून को आचार संहिता समाप्त होने के बाद विभागों के पास प्रमोशन में राहत देते हुए पदोन्नति किए जाने को 25 दिन का समय शेष बचेगा। यदि इन 25 दिनों में प्रमोशन न हो पाए, तो ये राहत का समय निकल जाएगा।

निर्वाचन को नहीं गया कोई प्रस्ताव राज्य निर्वाचन की ओर से भी छूट देने की व्यवस्था दी गई है। इसके तहत यदि विभागों से प्रमोशन से जुड़े प्रस्ताव आते हैं और सरकार की ओर से वाजिब पक्ष रखा जाता है, तो छूट देने पर विचार किया जा सकता है। हालांकि अभी तक विभागों की ओर से कोई प्रस्ताव निर्वाचन को नहीं भेजा गया है।

ऊर्जा निगम में बड़ी संख्या में प्रमोशन के पद खाली
ऊर्जा निगम में प्रमोशन के पद बड़ी संख्या में खाली पड़े हैं। निदेशक से लेकर मुख्य अभियंता, अधीक्षण अभियंता, अधिशासी अभियंता, सहायक अभियंताओं के पद खाली पड़े हैं। इंजीनियर संवर्ग के अलावा अन्य संवर्गों में भी पद खाली पड़े हैं। यहां प्रमोशन को लेकर पदोन्नति में शिथिलता की भी जरूरत नहीं है।

विभागों में बड़ी संख्या में प्रमोशन के पद खाली पड़े हैं। चुनाव आचार संहिता के कारण पदोन्नति में शिथिलता का लाभ भी नहीं मिल रहा है। प्रमोशन प्रक्रिया पूरी तरह रुक गई है। जबकि प्रमोशन कर्मचारी का मौलिक अधिकार है। इस पर आचार संहिता लागू नहीं होनी चाहिए। विभागों पर निर्वाचन विभाग से मंजूरी लेकर प्रमोशन की प्रक्रिया आगे बढ़ाने को दबाव बनाया जाएगा।
अरुण पांडे, अध्यक्ष राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद

जल संस्थान में एक भी एसई नहीं
मौजूदा समय में जल संस्थान में एक भी अधीक्षण अभियंता नहीं है। अधीक्षण अभियंता के सभी पद खाली पड़े हैं। प्रभारी व्यवस्था में यहां भी काम चलाया जा रहा है। यहां इस प्रभारी व्यवस्था का विभाग के भीतर ही भारी विरोध हो रहा है।