जब अरब देश संकट में थे, तो भारत उनकी मदद कर बड़ा सहारा बना, फिर भारत का परम मित्र मिस्र जी20 की बैठक में क्यों नहीं पहुंचा?

When Arab countries were in trouble, India became a big support by helping them, then why did India's best friend Egypt not reach the G20 meeting?
When Arab countries were in trouble, India became a big support by helping them, then why did India's best friend Egypt not reach the G20 meeting?
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भारत जिसे अपना सबसे अजीज दोस्त मानता हो अगर वही धोखा दे जाए तो फिर क्या ही कहा जाए। कुछ ऐसी ही मिस्र ने किया है। 22 मई को मिस्र की तरफ से कोई भी डेलीगेट्स जी20 मीटिंग में नहीं पहुंचा तो पाकिस्तान की खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा। मिस्र के अलावा तुर्की और सऊदी अरब भी इस बैठक में शामिल नहीं हुए। हालांकि तुर्की और सऊदी की पाकिस्तान से दोस्ती किसी से छुपी नहीं है। लेकिन भारत के करीबी मिस्र का बैठक से दूरी बना लेना समझ से परे है।

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बता दें कि मिस्र जी20 का सदस्य नहीं है। उसे बतौर गेस्ट इस मीटिंग में शामिल होने का न्यौता मिला था। इसके बावजूद मिस्र इस बैठक में शामिल नहीं हुआ। अब मिस्र के इस फैसले के पीछे कश्मीर में बैठक का आयोजन किया जाना है या कुछ और ये तो अभी तक साफ नहीं हो पाया है। लेकिन पाकिस्तान मिस्र के इस फैसले से फूला नहीं समा रहा होगा। शायद पाकिस्तान इसे अपनी कूटनीतिक जीत भी मान बैठा हो। पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो मुस्लिम देशों से लगातार गुहार लगा रहे थे कि इस बैठक से दूरी बनाए। लेकिन अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, ब्राजील समेत कई देशों ने बिलावल की अपील ठुकरा दी।

भारत और मिस्र के बीच सिर्फ राजनायिक ही नहीं, बल्कि बड़ा व्यापारिक सहयोग भी है। मिस्र की आर्थिक स्थिति भी पाकिस्तान की तरह ही बदहाल है और भारत एक दोस्त की भूमिका अच्छे से निभा रहा है। भले ही मिस्र एक मुस्लिम देश है, लेकिन वो हमेशा से ही पाकिस्तानी नीतियों और आतंकवाद की खिलाफत करता रहा है। रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध छिड़ने से वैश्विक बाजार में गेहूं की किल्लत हो गई। जिससे इसके दाम आसमान छूने लगे। ऐसे में उसके लिए अपने देश के लोगों के लिए गेहूं उपलब्ध कराना एक चुनौती बन गई। ऐसे मुश्किल समय में भारत मिस्र की मदद के लिए आगे आया। उसने मिस्र को रियायती दरों पर सैकड़ों टन गेहूं उपलब्ध कराया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अप्रैल 2022 में भारत-मिस्र के बीच 10 लाख टन गेहूं की सप्लाई को लेकर बात हुई थी।