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नई दिल्ली: देवभूमि, हिमाचल प्रदेश में इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव की राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है। राजनीतिक दलों के बड़े नेताओं की बैठकें और सभाओं के दौर शुरू हो गए हैं। सभी दलों के अपने-अपने दावे हैं। पिछले तीन दशक से ‘देवभूमि’ में सत्ता का चक्र कुछ इस तरह घूमता रहा है कि पांच साल कांग्रेस तो पांच साल भाजपा को शासन करने का मौका मिलता है। इस बार आम आदमी पार्टी भी चुनाव में ताल ठोक रही है। हालांकि, भाजपा नेता इसे यह कह कर नकार रहे हैं कि प्रदेश में तीसरे दल के लिए अभी कोई स्थान नहीं है। केजरीवाल की पार्टी, हिमाचल में खाता नहीं खोल पाएगी। यहां के लोग ‘रेवड़ी’ कल्चर को पसंद नहीं करते।
हिमाचल में भाजपा दोहराएगी यूपी-उत्तराखंड
कांग्रेस में शीर्ष नेतृत्व से लेकर प्रदेश इकाई तक उथल-पुथल का दौर चल रहा है। भाजपा का दावा है कि इस बार राजनीतिक चक्र टूट जाएगा। जिस तरह से उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में भाजपा ने लगातार दूसरी बार सरकार बनाई है, उसी तरह हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भी भाजपा दोबारा से सत्ता में आएगी।