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मेरठ: आज से नवरात्र की शुरुआत हो रही है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु नौ दिनों का व्रत रखते हैं। नवरात्र व्रत में कुट्टे के आटे से बने पकवान खाए जाते हैं। लेकिन इस दौरान कुट्टू के आटे में मिलावट की वजह से लोगों के बीमार होने के बहुत से मामले सामने आते हैं। इसे देखते हुए मेरठ प्रशासन ने सैंपलिंग की कार्यवाही शुरू कर दी है। व्यापारियों के यहां सैंपलिंग की कार्यवाही होते देख बाजारों से कुट्टू का आटा ही गायब हो गया है। अब व्रत रखने वाले भक्तों को बाजार में कुट्टू का आटा नहीं मिल रहा है।
नाम न छापने की शर्त पर एक दुकानदार ने बताया कि नकली कुट्टू का आटा तैयार किया जाता है। इसके लिए बाजरे को चावल और कुट्टू के छिलके संग पीस कर तैयार किया जाता है। बाजरे का आटा 15 दिन बाद खराब हो जाता है और इसमें बहुत जल्द कीड़े पड़ने लगते हैं। इस वजह से उसमें खटास आ जाती है। इस वजह से यह खाने योग्य नहीं रह जाता और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बन जाता है ।
गैमेक्सीन बना रहे आटे को जहरीला
सूत्रों ने बताया कि त्योहार से दो महीने पहले कुट्टू की कई गाड़ियां थोक मंडी में आ जाती हैं। जितना माल तुरंत बिक जाता है उसमें कोई समस्या नहीं लेकिन बाकी बचे माल को कीटनाशक गैमैक्सिन का पाउडर लगाकर गोदामों में स्टॉक कर दिया जाता है। गैमिक्सिन लगाने के बारे में बताया की यह इसलिए लगाया जाता है ताकि साबुत कुट्टू में कीड़ा न लगे। लेकिन इस कीटनाशक का असर कुट्टू तक भी पहुंचता है। यह भी बीमारी की एक बड़ी वजह बताई गई है।
अच्छे कुट्टू के लिए क्या करे जनता
एक थोक व्यापारी ने बताया कि जनता बाजार से कुट्टू की गिरी खरीद कर ले जाए । कुट्टू की गिरी को थोड़ा धूप में सुखा कर उसे मिक्सर ग्राइंडर में पीस ले और इसमें एक चौथाई सिंगाड़े का आटा मिला कर भोजन बनाएं। ऐसा करने से खाने वाले को कोई नुकसान नहीं होगा।