मध्य प्रदेश में राहुल-प्रियंका और खड़गे की जोड़ी दिलाएगी जीत? कांग्रेस ने बनाया प्लान

Will Rahul-Priyanka and Kharge pair win in Madhya Pradesh? Congress made a plan
Will Rahul-Priyanka and Kharge pair win in Madhya Pradesh? Congress made a plan
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भोपाल: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है। कांग्रेस और बीजेपी दोनों जनता को लुभाने की कोशिश में जुटे हुए हैं। वहीं कांग्रेस ने आने वाले 50 दिनों का प्लान बनाया है। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा राज्य में छह रैलियां करेंगे। पार्टी राज्य में अपने चुनावी अभियान को बढ़ाने की योजना बना रही है क्योंकि उसका मानना है कि यह बीजेपी से मुकाबला करने का अच्छा मौका है।

प्रियंका गांधी ने 13 जून को जबलपुर में एक विशाल रैली के साथ पार्टी के चुनावी अभियान की शुरुआत की थी। वे अब 22 जुलाई को राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण ग्वालियर में एक सार्वजनिक बैठक को संबोधित कर सकती हैं। 25 अगस्त तक होने वाली छह रैलियों के स्थानों में से तीन ओबीसी, एससी और एसटी जनसंख्या बहुल वाले क्षेत्रों में होंगे। यह निर्णय सोमवार को राज्य इकाई अध्यक्ष कमलनाथ और एआईसीसी महासचिव केसी वेणुगोपाल के नेतृत्व में राज्य के वरिष्ठ नेताओं के बीच एक बैठक में लिया गया।

मंथन में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, अजय सिंह राहुल, एआईसीसी के प्रदेश प्रभारी जेपी अग्रवाल सहित अन्य लोग शामिल हुए। भ्रष्टाचार को शिवराज चौहान सरकार के खिलाफ अपना मुख्य मुद्दा बनाने के बाद, कांग्रेस कथित अनियमितताओं और घोटालों पर ध्यान केंद्रित करते हुए, बीजेपी शासन के खिलाफ एक आरोप पत्र लाने की योजना बना रही है। मुख्य मामला ‘महाकाल’ पुनर्विकास होगा, जो हाल ही में एक तूफान के दौरान मंदिर परिसर की मूर्तियों के ढहने से सामने आया था।

पार्टी ने 10 जुलाई से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र में महाकाल मुद्दे पर जोर देने के साथ शुरू करने का भी फैसला किया है। साथ ही मुख्यमंत्री को घेरने के लिए ‘उनकी लोकलुभावन घोषणाओं के आधार पर सवाल उठाए जाएंगे। पार्टी ने 18 सालों के दौरान सीएम द्वारा की गई ‘22,000 घोषणाओं’ पर ध्यान केंद्रित किया है और उनसे इसके बारे में सवाल करेगी। यह उस आरोपपत्र का भी हिस्सा होगा जिसे पार्टी आने वाले हफ्तों में जारी करेगी।

विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस उम्मीदवारों के शीघ्र चयन पर विचार कर रही है। उन 65 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम की घोषणा करने की शुरुआत किए जाने की संभावना है जहां भाजपा पिछले 20-30 सालों में नहीं हारी है। इसके बाद भाजपा के कब्जे वाली सीटों पर उम्मीदवारों के नाम तय किए जाएंगे और कांग्रेस के कब्जे वाली सीटों पर उम्मीदवारों के नाम सबसे बाद में तय किए जाने की संभावना है।