क्या किसानों को डराने वाला होगा मार्च का महीना? मौसम विभाग की क्या कह रही भविष्यवाणी

Will the month of March be frightening to the farmers? What is the prediction of the meteorological department
Will the month of March be frightening to the farmers? What is the prediction of the meteorological department
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नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली समेत देश के कई राज्यों में फरवरी के महीने में ही तापमान 35 डिग्री के करीब पहुंच गया है। जिस प्रकार से तेजी से मौसम में बदलाव आया है उसके बाद यह सवाल है कि क्या समय पूर्व ही गर्मी की शुरुआत हो जाएगी। फरवरी के महीने के तापमान को देखते हुए मौसम विभाग की ओर कहा गया है कि देश के कुछ हिस्सों में मार्च के महीने में तापमान 40 डिग्री के करीब पहुंच सकता है। ऐसा हुआ तो किसानों की भी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। 35 डिग्री से नीचे तक तापमान रहने पर वैसी दिक्कत किसानों के सामने नहीं आएगी लेकिन पारा इससे अधिक चढ़ा तो किसानों के सामने मुश्किल खड़ी हो जाएगी। मौसम विज्ञान (IMD) की ओर से गुरुवार को बताया गया कि उत्तर-पश्चिम, मध्य और पूर्वी भारत में अगले पांच दिन में अधिकतम तापमान सामान्य से तीन से पांच डिग्री अधिक रह सकता है।

40 डिग्री के पार जा सकता है पारा
अभी जो तापमान है वह आमतौर पर मार्च में देखने को मिलता है लेकिन समय से पहले ही अधिक तापमान दर्ज किया जा रहा है। यही कारण है कि इस साल तेज गर्मी और लू को लेकर चिंता बढ़ा दी है। IMD के एक अधिकारी ने बताया कि कि मार्च महीने में पहले 15 दिनों में उत्तर पश्चिमी भारत में 40 डिग्री सेल्सियस और उससे अधिक तक बढ़ सकता है। कुछ दिन पहले ही उत्तर-पश्चिमी, मध्य और पश्चिम भारत के अधिकांश स्थानों पर अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस से 39 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया। राजधानी दिल्ली में 1969 के बाद फरवरी के महीने में तीसरा सबसे गर्म दिन रिकॉर्ड किया गया।

फरवरी का मौसम ऐसा क्यों
फरवरी के महीने में तापमान को देखकर लोगों को यकीन नहीं हो रहा कि पिछले महीने कितनी ठंड थी। बदले मौसम के बाद ऐसी संभावना बन रही है कि मार्च के महीने में पंखा नहीं कूलर-एसी की जरूरत पड़ जाए। मौसम विभाग ने इसके पीछे कई कारणों को जिम्मेदार बताया है। मौसम विभाग का कहना है कि फरवरी में असामान्य रूप से गर्म मौसम के मजबूत पश्चिमी विक्षोभ का नहीं रहना एक मुख्य कारण है। मजबूत पश्चिमी विक्षोभ से बारिश होती है जिसकी वजह से तापमान कम होता है।

किसानों पर मौसम की मार!
सामान्य से अधिक तापमान का गेहूं और अन्य फसलों पर बुरा असर पड़ सकता है। फरवरी के मौसम में इस प्रकार तापमान बढ़ने की वजह से गेंहू के दाने समय से पहले पकने शुरू हो जाएंगे। इसका नतीजा यह होगा कि दाना छोटा रहा सकता है। अन्य खड़ी फसलों और बागवानी पर भी इसी तरह का प्रभाव पड़ सकता है। 35 डिग्री के आसपास तापमान रहा तो किसान हल्की सिंचाई का सहारा ले सकते हैं लेकिन पारा 40 के करीब पहुंचा तो मुश्किल हो जाएगी। कृषि मंत्रालय ने पिछले सोमवार को कहा था कि तापमान में वृद्धि से उत्पन्न स्थिति और गेहूं की फसल पर इसके प्रभाव, यदि कोई हो, इसकी निगरानी के लिए एक समिति का गठन किया है।