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नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत में हुए बदलावों का जिक्र करते हुए कहा कि देश के इन्फ्रास्ट्रक्चर में बेहतरी हुई है। इसके साथ ही ब्यूरोक्रेसी का जाल कम हुआ है, बिजनेस करना आसान हुआ है और अब मैन्युफैक्चरिंग को तवज्जो दी जा रही है, खासकर तकनीक के क्षेत्र में। जयशंकर ने शुक्रवार को ET अवॉर्ड्स समारोह में कहा कि हम दुनिया के लिए एक ऐसे साथी की तरह उभर रहे हैं जो ना सिर्फ जिओ पॉलिटिक्स, बल्कि क्लाइमेट चेंज से लेकर तकनीक के क्षेत्र में मूल्यवान साबित हो रहा है। विदेश मंत्री ने कहा कि मैन्युफैक्चरिंग में हम नए सेक्टर्स को प्राथमिकता दे रहे हैं। इसमें सेमीकंडक्टर, स्पेस और ड्रोन से जुड़े सेक्टर शामिल हैं। मैन्युफैक्चरिंग के बगैर भारत एक बड़ी पावर नहीं बन पाएगा। उन्होंने कहा कि स्किल और मोबिलिटी को लेकर ना सिर्फ ग्लोबल नॉर्थ बल्कि हमारे समावेशी रवैये के चलते भारत ग्लोबल साउथ के लिए भी अहम देश साबित हो रहा है।
अचानक से नहीं होती प्रक्रिया
कहा कि जब कोई देश और समाज आगे बढ़ता है, तो दुनिया को उसके बदलते स्वरूप को लेकर एक अडजेस्टमेंट की प्रक्रिया से गुजरना होता है। यह प्रक्रिया अचानक से नहीं होती, उसमें समय लगता है। हालांकि ये जरूरी है कि हमें पता हो कि अपनी बात दुनिया तक कैसे पहुंचाए, कैसे अपने नरेटिव को दुनिया को समझाएं। विदेश मंत्री ने ईटी अवॉर्ड्स के दौरान हुई एक पैनल बातचीत में ये बातें कही। उनका ये बयान नागरिकता संशोधन कानून को लेकर अमेरिका समेत दूसरे देशों की प्रतिक्रिया को लेकर था।
दुनिया देख रही बदलाव
उन्होंने कहा कि इस कानून को लेकर कुछ देशों ने ऐसे नरेटिव को एकदम से अपना लिया जो वोटबैंक की राजनीति से जुड़ा हुआ है। हालांकि ये देश विभाजन जैसे उन हालातों के परिणाम को नहीं समझ पा रहे जिसके परिणामस्वरूप भारत सरकार की ओर से लोगों को प्राकृतिक रूप से नागरिकता दी जा रही है। विदेश मंत्री ने ये भी कहा कि ये देश खुद धर्म और भाषा का सहारा लेकर नागरकिता जैसे मुद्दों का सामाधान करते हैं।
विदेश मंत्री ने कहा कि दुनिया भारत में हर ओर हो रहे सकारात्मक बदलाव को देख रही है। दुनिया न सिर्फ गवर्नेंस में सुधार को देख पा रही है, बल्कि उसकी नजर उस संभावना पर भी है जो किसी लोकतांत्रिक राजनीति में एक साथ तीन सफल कार्यकालों से जुड़ी है, ये इस सदी की बेहद खास बात है।