माफी बवाल पर भड़के नरेश टिकैत: बोले: जाटों की डिक्शनरी में नहीं माफी शब्द, आजमी को…

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मुजफ्फरनगर। सपा नेता अबू आजमी के बयान पर जाट बिरादरी में भारी आक्रोश है। बालियान खाप के चौधरी और भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौ. नरेश टिकैत ने अबू आजमी को आड़े हाथ लेते हुए चुप रहने की हिदायत दी है। कहा कि जाटों के शब्दकोश में माफी नाम की कोई चीज नहीं है। रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी का गुलाम मोहम्मद जौला का पैर छूना संस्कार और सम्मान को दर्शाता है।

मुजफ्फरनगर जिले के सिसौली में नरेश टिकैत ने कहा कि अबू आजमी को यहां की सभ्यता का पता नहीं है। इसलिए उन्हें चुप रहना चाहिए। हमारे मामले में दखल नहीं देना चाहिए। जाट के शब्दकोश में माफी नाम की कोई चीज नहीं है। जाट माफी मांगेगा, यह बात उन्हें दिमाग से निकाल देनी चाहिए। साम्प्रदायिक दंगों के दौरान ङ्क्षहदू या मुसलमान के साथ जो हुआ वह सब अब खत्म हो गया है। उसे राजनीतिक रूप से नहीं देखना चाहिए। राजकीय इंटर कालेज के मैदान में हुई पंचायत में जयंत चौधरी ने गुलाम मोहम्मद जौला के पैर सम्मान में छूए थे। बड़े के पैर छूना हमारी सभ्यता है।

सम्‍मान का प्रतीक है पैर छूना

गुलाम मोहम्मद जौला चौ. चरण सिंह, चौ. महेंद्र सिंह टिकैत और चौ. अजित ङ्क्षसह के साथ रहे। पैर छूने का मतलब यह नहीं है कि कोई जाट समाज की तरफ से किसी तरह की माफी मांग रहा है। बड़े के पैर छूना सम्मान का प्रतीक है। इसमें माफी मांगना का कोई सवाल ही नहीं है। हम भी उसी मंच पर थे। अबू आजमी को इस प्रकार की टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है।