विदेशों में बैन इन चीजों का धड़ल्ले से भारत में हो रहा इस्तेमाल, सावधान! कहीं जोखिम में ना पड़ जाए जान

These things banned abroad are being used indiscriminately in India, be careful! Don't risk your life
These things banned abroad are being used indiscriminately in India, be careful! Don't risk your life
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हम सभी अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में बहुत सी चीजों का इस्तेमाल करते हैं। हमारे दिन का आगाज टूथपेस्ट के साथ होता है और रात फेसवॉश के साथ। ऐसे ही हम दिनभर में बहुत से छोटे और बड़े एसेंशियल प्रोडक्ट्स (Essential Products) का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन, क्या आपने कभी सोचा है कि हम जिन चीजों का इस्तेमाल करते हैं, वो हमारी सेहत के लिए हानिकारक भी हो सकते हैं। ऐसे बहुत से प्रोडक्ट्स हैं, जो भारतीय बाजारों में बेधड़क बिक रहे हैं, जबकि अन्य देशों में इन्हें सुरक्षा के मद्देनजर बैन कर दिया गया है। इसके पीछे एक वजह ये भी है कि विकसित देशों में रहने वाले लोग अपनी सुरक्षा को लेकर ज्यादा सजग और सतर्क रहते हैं। यही कारण है कि भारत के बाजारों (Indian Market) में जो चीजें आसानी से मिल जाती हैं, उनपर कई अन्य देशों में बैन लगाया हुआ है।

वहीं, बात करें भारत (India) जैसे विकासशील देशों की, तो लोगों की मानसिकता कुछ इस तरह बन गई है कि वो अपने फायदे के लिए किसी की जान भी खतरे में डालने से कतराते नहीं हैं। चंद पैसों के लिए इस तरह का जहर मार्केट में खुलेआम बिकता है। तो चलिए अब हम बिना वक्त बर्बाद किए देखते हैं कि वो कौन सी डेली रूटीन वाली आम सी चीजें हैं, जो कई देशों में बैन हैं, लेकिन भारत में खुले आम बिकती हैं।

विदेशों में इन चीजों पर बैन है, लेकिन भारत में कोई रोक नहीं

– केचप (Ketchup)
आप अक्सर खाने की डिशेज में केचप का इस्तेमाल करते हैं। बच्चे ब्रेड पर केचप लगाकर खाना पसंद करते हैं। इसके अलावा केचप चाउमिन से लकर आपके फेवरेट परांठों तक हर चीज के साथ इस्तेमाल होता है। हालांकि केचप के इस्तेमाल पर फ्रांस में बैन लगा हुआ है। फ्रांस की सरकार ने बच्चों और किशोरों द्वारा इसके सबसे ज्यादा इस्तेमाल पर चिंता जाहिर करते हुए केचप को स्कूलों और कैफे में प्रतिबंध लगाया है।

– किंडर जॉय (Kinder Joy)
आजकल के बच्चे किंडर जॉय को बहुत पसंद करते हैं, इसके खाने में टेस्टी होने के साथ ही अंदर क्यूट सा खिलौना भी होता है। अंडे की शेप वाले इस किंडर जॉय को अमेरिका में बैन किया गया है। दरअसल, अमेरिका में इसके बच्चों के गले में फंसने के कई केस सामने आए थे। लेकिन भारत की बात करें तो किंडर जॉय हर किराना की दुकान पर आसानी से मिल जाता है।

– समोसा (Samosa)
समोसा भारत के ट्रेडिशनल फूड्स में से एक है। ये आपको फाइव स्टार होटल्स से लेकर मोहल्ले की हलवाई की दुकान तक हर जगह मिलता नजर आ जाएगा। साउथ अफ्रीकी देश सोमालिया में समोसे पर 2011 से बैन लगाया हुआ है क्योंकि इसके तिकोने आकार को ‘अल-शबाब समूह’ में ईसाई धर्म का प्रतीक कहा जाता है। सोमालिया में इस कानून को तोड़ने पर कड़ी सजा है। हालांकि इस कानून को भारत में नहीं माना जाता है, इसलिए समोसा बिकने में कोई मनाही नहीं है।

– च्यवनप्राश (Chyawanprash)
भारत में सर्दियों के मौसम में हर रोज एक चम्मच च्यवनप्राश खाया जाता है। ये पारंपरिक भारतीय इम्यूनिटी बूस्टर है। इसे जड़ी-बूटियों और घी के मिश्रण से तैयार किया जाता है। साथ ही, पोषक तत्वों से भरपूर होता है। कनाडा में चवनप्राश की बिक्री पर 2005 से बैन है क्योंकि इस प्रोडक्ट में सीसा (lead) और पारा (mercury) उच्च स्तर पर पाया गया है।

– च्यूइंग गम (chewing gum)
देश में ज्यादातर लोग अपने आपको कूल दिखाने के लिए च्यूइंग गम खाते हैं। आपको यहां बहुत आसानी से किसी भी दुकान पर मिल जाएगी। सिंगापुर में इसे बैन किया हुआ है, इसके लिए कड़े नियम बने हुए हैं। वहां पर च्युइंग गम की बिक्री बिल्कुल नहीं होती है।

– डिस्प्रिन (Disprin)
देश में लोग सिरदर्द से छुटकारा पाने के लिए अक्सर डिस्प्रिन का इस्तेमाल करते हैं। ये मेडिकल स्टोर्स में आसानी से मिल जाती है। लेकिन, अमेरिका और यूरोप में ये बैन है, क्योंकि इससे बॉडी में प्लेटलेट्स कम हो जाती हैं।

– रेड बुल (Red Bull)
आप में से कई लोग एनर्जी ड्रिंक रेड बुल के शौकीन होंगे। भारत में यह ड्रिंक बहुत ज्यादा इस्तेमाल की जाती है, लेकिन यह दूसरे देशों में बैन किया गया है। फ्रांस और नॉर्वे जैसे देशों में इस ड्रिंक में कैफीन की मात्रा ज्यादा पाई जाती है। वहीं यूरोपियन देश लिथुआनिया में इस ड्रिंक को 18 साल से कम आयु वाले लोग नहीं पीते हैं। इतनी जगहों पर बैन होने के बावजूद भी भारत में लोग इसे एंजॉय करते हैं।

– लाइफ बॉय (Lifebuoy)
आप में से कई लोग घरों में लाइफ बॉय साबुन का इस्तेमाल करते हैं। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि विकसित देशों में इस साबुन का इस्तेमाल जानवरों के लिए किया जाता है। विदेश के डॉक्टर्स इस साबुन को स्किन के लिए खराब मानते हैं। यही वजह है कि इस साबुन का इस्तेमाल वहां जानवरों पर किया जाता है, जबकि भारत में इस साबुन को ह्यूमन के लिए इस्तेमाल किया जाता है।