मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर के नई मंडी में चल रहे ग्रेन चेंबर इंटर कॉलेज और जीसी पब्लिक स्कूल जूनियर विंग की मान्यता रद्द हो सकती है। एक ही जमीन पर दो विद्यालय चलाए जाने की शिकायत पर DM के आदेश पर DIOS ने GIC प्रिंसिपल को जांच के निर्देश दिए हैं। प्रिंसिपल ने दोनों विद्यालय प्रबंधकों को नोटिस जारी कर 2 दिनों में जवाब देने और 6 सितंबर को विद्यालयों में मौजूद रहने के लिए आदेश दिया है।
क्या है दो विद्यालय भवनों की शिकायत का मामला
मुजफ्फरनगर के नई मंडी क्षेत्र में ग्रेन चेंबर इंटर कॉलेज और जीसी पब्लिक स्कूल जूनियर विंग संचालित होते हैं। दोनों विद्यालय भवन एक दूसरे से काफी दूर होने के बावजूद उनकी मान्यता के लिए एक ही भूमि का प्रयोग किया गया है। इस बात की शिकायत नई मंडी निवासी नवनीत अग्रवाल ने डीएम से करते हुए यह आरोप लगाए थे। उन्होंने बताया कि नई मंडी में कुछ भूमि को दिखाते हुए ग्रेन चेंबर इंटर कॉलेज की मान्यता यूपी बोर्ड इलाहाबाद से ली गई थी। आरोप है कि 16 अगस्त 1989 को यूपी बोर्ड से तथ्य छिपाकर भूमि की लीज डीड ग्रेन चेंबर पब्लिक स्कूल के नाम कर सीबीएसई से मान्यता ले ली गई।
डीएम ने DIOS को दिए थे जांच के आदेश
नई मंडी निवासी नवनीत अग्रवाल की शिकायत पर डीएम ने DIOS को प्रकरण की जांच कराने के आदेश दिए थे। इसके बाद DIOS गजेन्द्र कुमार ने मामले की जांच के लिए जीआइसी प्रिंसिपल को नामित किया। जीआइसी प्रिंसिपल ने ग्रेन चेंबर इंटर कालेज तथा जीसी पब्लिक स्कूल जूनियर विंग के प्रधानाचार्य तथा प्रबंधकों को नोटिस जारी कर इस मामले में 2 दिनों के भीतर जवाब मांगा था। इसके साथ ही पत्र जारी कर बताया कि 6 सितंबर को वह दोनों विद्यालयों में पहुंचकर स्थलीय जांच करेंगे। उन्होंने विद्यालय प्रबंधक तथा प्रधानाचार्य को संबंधित कागजों के साथ मौके पर मौजूद रहने को कहा है।
50 लोगों ने शपथपत्र पर DIOS से की शिकायत
एक ही भूमि पर दो विद्यालयों की मान्यता लेने तथा एक विद्यालय भवन का मानत्रित स्वीकृत न होने आदि तथ्यों को दर्शाते डीआइओएस से शिकायत की गई है। नई मंडी तथा आसपास के 50 लोगों ने शपथ पत्र पर अपने हस्ताक्षर करते हुए शिकायत डीआइओएस से की है। शपथ पत्र के साथ सभी साक्ष्य की भी प्रतिलिपि लगाई गई है।
जीसी पब्लिक जूवि. के हो चुके ध्वस्तिकरण के आदेश
नई मंडी स्थित जीसी पब्लिक स्कूल के संबंध में मुजफ्फरनगर विकास प्राधिकरण से शिकायत की गई थी। उक्त विद्यालय भवन का मानचित्र स्वीकृत कराए बिना ही अवैध निर्माण कराया गया। जिसकी जांच उपरांत एमडीए ने भवन ध्वस्तिकरण के आदेश जारी किये थे। जिसके बाद एमडीए ने विद्यालय प्रबंधन को 20 फरवरी 2018 को पत्र लिखकर भवन खाली कराने के लिए कहा था, ताकि परिसर खाली होने पर ध्वस्तिकरण किया जा सके। लेकिन आज तक भवन खाली नहीं हो सका।