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शिमला: हिमाचल प्रदेश की सत्ता पर काबिज कांग्रेस की सुक्खू सरकार वित्तीय संकट से जूझ रही है। सुक्खू कैबिनेट के वरिष्ठ मंत्री और उद्योग महकमा संभाल रहे हर्षवर्धन चौहान ने खुलासा किया है कि प्रदेश का सरकारी खजाना खाली है। आलम यह है कि राज्य सरकार के पास रोजाना के खर्चों को चलाने तक के लिए पैसे नहीं हैं। अहम बात यह है कि राज्य की खस्ता माली हालत से निपटने के लिए सरकार वित्तीय संसाधन जुटाने के साथ-साथ अपने राजस्व खर्चों को कम करेगी और फिजूलखर्ची रोकेगी। राजस्व संबंधित तमाम खर्चों में कटौती करने पर सरकार में मंथन चल रहा है।
कर्ज से लदी है सरकार
दरअसल, प्रदेश 75 हजार करोड़ रुपए के कर्ज में डूबा हुआ है। जबकि इसी साल ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) लागू करने से राज्य सरकार पर 800 से 900 करोड़ का वित्तीय बोझ पड़ने वाला है। इस रकम को जुटाना सरकार के समक्ष बड़ी चुनौती बन गया है। इसके अलावा सरकार को कर्मचारियों का 11 हजार करोड़ रुपए के एरियर का भी भुगतान करना है। वित्तीय संकट से निपटने के लिए मौजूदा सरकार इसी महीने 1500 करोड़ का कर्ज भी ले रही है, ताकि वेतन और पेंशन की अदायगी के अलावा अन्य सरकारी खर्चे चलाए जा सकें। सरकार के खजाने की एक बड़ी रकम कर्मचारियों की वेतन और पेंशन की अदायगी पर खर्च होती है।
खर्च कम करने के निर्देश
ऐसे में सूबे को खस्ता माली हालत से बाहर निकालने के लिए सुक्खू सरकार ने राजस्व को बढ़ाने के लिए मंत्रियों और अधिकारियों के खर्चों में कटौती करने की ओर कदम बढ़ाया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंत्रियों को एक महीने में रिपोर्ट देने को कहा है कि उनके विभागों में खर्चे कैसे कम किए जाएं और राजस्व को कैसे बढ़ाया जाए।
एक महीने के अंदर देनी है रिपोर्ट
उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने पत्रकारों से बातचीत में कहा है कि प्रदेश का सरकारी खजाना खाली है। आलम यह है कि राज्य सरकार के पास रोजाना के खर्चों को चलाने तक के लिए पैसे नहीं हैं। उन्होंने कहा कि सूबे की माली हालत ठीक नहीं है। मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों से खर्चों में कटौती करने और राजस्व को बढ़ाने के लिए सुझाव मांगे हैं। सरकारी विभागों में राजस्व को बढ़ाने, फिजूलखर्ची को रोकने और कर्ज के बोझ को कम करने को लेकर सभी मंत्रियों को एक महीने के भीतर रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपनी होगी।
हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि प्रदेश के विकास को आगे ले जाने के सरकार को नए सिरे से काम करना होगा। राजस्व की लीकेज कहां हैं और कैसे राजस्व बढ़ेगा, इस पर सरकार गंभीरता से काम कर रही है। चौहान ने कहा, हिमाचल प्रदेश के पास रोज के खर्चे चलाने के पैसे नहीं है। राज्य कंगाल है। बता दें कि बीते दिनों हिमाचल प्रदेश में सरकार बनाने के बाद सुक्खू ने OPS की बहाली की थी। OPS बहाली के चलते राज्य सरकार के खर्चे बढ़ने वाले हैं। ऐसे में सुक्खू ने खर्च को कम करने के सख्त आदेश दिए हैं।