हिमाचल की अर्थव्यवस्था पर मंडरा रहा खतरा, सुक्खू सरकार पर लदा करोड़ों का कर्जा

Himachal's economy is in danger, debt of crores imposed on Sukhu government
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हमीरपुर: भारत आज अपना 74वां गणतंत्र दिवस मना रहा है. इस उपलक्ष्य में आज राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय (बाल) हमीरपुर में जिला स्तरीय समारोह का आयोजन किया गया. कार्यक्रम के दौरान मुख्य संसदीय सचिव हिमाचल प्रदेश संजय अवस्थी ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया. इसके साथ ही पुलिस, होमगार्ड, भारतीय रिजर्व बटालियन सकोह, एनसीसी और स्काउट गाईड की टुकड़ियों द्वारा प्रस्तुत आकर्षक मार्चपास्ट की सलामी ली.

जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही सुक्खू सरकार
इस अवसर पर मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी ने अपने संबोधन के दौरान प्रदेशवासियों को गणतंत्र दिवस की बधाई दी. उन्होंने कहा कि प्रत्येक हिमाचलवासी ने राज्य के विकास की लंबी यात्रा में अपना योगदान दिया है. उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार की भ्रष्टाचार के प्रति शून्य-सहिष्णुता (zero tolerance) की नीति है. सत्ता संभालने के बाद भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ कदम उठाए गए हैं.

हिमाचल प्रदेश की आर्थिक स्थिति चल रही खराब
उन्होंने कहा कि पेपर लीक मामले में हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर को निलंबित कर दिया गया है. अब योग्यता के आधार पर निष्पक्षता और पारदर्शी तरीके से चयन किया जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है. प्रदेश सरकार को करोड़ों रुपये का ऋण विरासत में मिला है.

5,000 करोड़ रुपये का आर्थिक बोझ
संजय अवस्थी ने कहा कि कर्मचारियों का एरियर (बकाया राशि) के रूप में 4,430 करोड़ रुपये, पेंशनरों की देनदारी 5,226 करोड़ रुपये, कर्मचारियों और पेंशनरों के डीए का 1,000 करोड़ रुपये बकाया है. उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने अपने कार्यकाल के आखिरी 9 महीनों में बजट का प्रावधान किए बिना ही 900 संस्थान खोले और स्तरोन्नत किए. इससे प्रदेश पर 5,000 करोड़ रुपये का आर्थिक बोझ है.

OPS बहाली पर कही यह बात
केंद्र सरकार के पास भी एनपीएस के लगभग 8,000 करोड़ रुपये हैं. इन सभी कठिन परिस्थितियों के बावजूद राज्य सरकार ने पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की अपनी प्रतिबद्धता को पूरा किया है, जिससे राज्य के लगभग 1.36 लाख कर्मचारियों को लाभ हुआ है. उन्होंने कहा कि ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) को बहाल करना राजनीतिक निर्णय नहीं है, लेकिन यह निर्णय सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों के आत्मसम्मान की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिया गया है, क्योंकि कर्मचारियों की राज्य के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका है. उन्होंने सरकारी कर्मचारियों से प्रदेश सरकार की सभी योजनाओं का लाभ उन सभी पात्र व्यक्तियों तक पहुंचाने का आह्वान किया जो अभी तक इन योजनाओं के लाभ से वंचित हैं.