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उत्तरकाशी के सरनौल गांव के नीचे से हो रहे भूस्खलन ने गांव के ग्रामीणों के मकानों को खतरा पैदा हो गया है। जबकि, कर्णप्रयाग में मलबा आने से दो कारें मलबे के नीचे दब गईं हैं। बारिश के बाद भूस्खलन से कर्णप्रयाग-ग्वालदाम सहित कई सड़कों पर ट्रैफिक बाधित है। प्रशासन द्वारा बंद सड़कों को खोलने का काम जारी है, लेकिन खराब मौसम चुनौती बना हुआ है।
हरिद्वार में मूसलाधार बारिश होने से रोशनाबाद की सूखी हरनोल नदी उफान पर आ गई। पानी अधिक आने के कारण नदी के किनारे स्थित टिहरी विस्थापित कालोनी (नवोदय नगर) के पांच मकान बाढ़ की जद में आ गए हैं। हालांकि अभी तक मकान सुरक्षित है। लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से मकान खाली कराए गए है।
रविवार सुबह ही जब ग्रामीण सोकर उठे और घर के बाहर का नजारा देखा तो उनकी आंख खुली की खुली रह गई। बरसात का पानी उनके मकान की दीवार पर है। सूचना सिडकुल पुलिस और आपदा प्रबंधन को मामले की जानकारी दी गई। स्थानीय लोगों का कहना है कि सूचना देने के बाद भी आपदा प्रबंधन का कोई कर्मचारी अधिकारी मौके पर नहीं आया।
सिडकुल पुलिस ने मौके पर पहुंचकर सभी लोगों के घर खाली कराए। थाना प्रभारी निरीक्षक प्रमोद कुमार उनियाल ने बताया कि बाढ़ की जद में आए घरों को खाली करवा रहे हैं। जान-माल का कोई नुकसान नहीं है।
उत्तरकाशी: सरनौल के मकानों को भूस्खलन से खतरा
बड़कोट। सरनौल गांव के नीचे से हो रहे भूस्खलन ने गांव के ग्रामीणों के मकानों को खतरा पैदा हो गया है। गांव के नीचे भूस्खलन सक्रिय होने से कई आवासीय मकान खतरे की जद में आ गए हैं, जिससे ग्रामीणों में दहशत माहौल बना हुआ है। नौगांव ब्लॉक के दूरस्थ सरनौल गांव के नीचे से भारी बारिश के कारण भूस्खलन हो रहा है।
भूस्खलन गांव के कुछ मकानों के नजदीक पहुंच गया है, जिससे गांव के उदय राणा, संजय राणा, परबीन राणा, तरबिन राणा, प्रताप राणा, हरदेव राणा, चैन सिंह चौहान, मोहन सिंह राणा, नत्था सिंह राणा, कारीलाल भागमल लाल आदि ग्रामीणों के आवासीय मकानों को खतरा पैदा हो गया है।
ग्रामीण रात को घरों में सो नहीं पा रहे हैं तथा प्रशासन से अन्यत्र व्यवस्थित करने की मांग कर रहे हैं। भूस्खलन से प्रभावित सरनौल गांव निवासी प्रवीन राणा का कहना है कि बीते दो-तीन दिनों से गांव के नीचे से भूस्खलन ज्यादा सक्रिय हो गया है। भूस्खलन अब उनके घरों के नजदीक आ गया है और अब घर मे रहने से भी डर लग रहा है।
उन्होंने कहा है कि गांव के नीचे से हो रहे भूस्खलन का उचित उपचार किया जाय तथा भूस्खलन से प्रभावित लोगों को सुरक्षा की दृष्टि को देखते हुए अन्यत्र व्यवस्थित किया जाय। बड़कोट एसडीएम शालिनी नेगी ने कहा है कि सरनौल गांव में भूस्खलन की सूचना मिलते ही राजस्व टीम को भूस्खलन का जायजा लेने सरनौल भेज दिया है।