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नई दिल्ली: शिव जी की भक्ति का सावन महीना चल रहा है. आज तीसरा सावन सोमवार है. यह व्रत मनचाहा जीवनसाथी और अखंड सौभाग्य देने वाला है. इसी तरह सावन महीने में रुद्राभिषेक करना, शिव-पार्वती की पूजा करना ढेरों लाभ देता है. कहते हैं कि इस महीने में भगवान शिव की पूजा करने से सारे कष्ट दूर होते हैं और भगवान भक्त को सुख-समृद्धि, खुशहाल जिंदगी का आशीर्वाद देते हैं. वहीं पूजा में की गईं गलतियां मुसीबतों को न्योता भी देती हैं. आज हम एक ऐसी ही गलती के बारे में जानते हैं जो अक्सर हो जाती है.
धर्म-पुराणों में शिव जी के पूजन की कई विधियां बताई गईं हैं. भगवान भोलेनाथ की मूर्ति और शिवलिंग दोनों की ही पूजा की जाती है. वहीं रुद्राभिषेक शिवलिंग का ही होता है. ऐसे में शिवलिंग का अभिषेक करते समय, पूजा करते समय हमेशा ध्यान रखें कि कुंवारी लड़कियों के लिए शिवलिंग का स्पर्श वर्जित बताया गया है. वहीं विवाहित महिलाओं को भी शिवलिंग को स्पर्श करने से बचना चाहिए.
कुंवारी लड़कियों और महिलाओं के शिवलिंग को स्पर्श करने के पीछे धर्म ग्रंथों में कारण भी बताए गए हैं. दरअसल, शिवलिंग एक दिव्य ऊर्जा का प्रतीक है यदि विवाहित लोग इसकी पूजा करते हैं तो उनके जीवन में प्रेम खुशहाली आती है, संतान सुख मिलता है. वहीं कुंवारी लड़कियों के लिए संतान के बारे में सोचना मर्यादाओं के बाहर माना गया है. ऐसे में उन्हें शिवलिंग का स्पर्श नहीं करना चाहिए.
इसके अलावा महिलाओं द्वारा शिवलिंग को स्पर्श करने से देवी पार्वती नाराज हो जाती हैं. साथ ही तपस्यालीन शिव जी की तंद्रा भंग न हो, इसलिए भी शिवलिंग को स्पर्श करने की मनाही की गई है. वरना भगवान शिव और देवी पार्वती की नाराजगी झेलनी पड़ सकती है. ऐसे में शिवलिंग से दूर रहकर ही उसकी पूजा करना बेहतर होता है.