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नई दिल्ली। दशहरा के बाद भी हरियाणा में मिलावटखोरों के खिलाफ अभियान जारी है। आपरेशन प्रहार के तहत यह अभियान दीपावली तक जारी रहेगा। हरियाणा सरकार मिलावटखोरों पर ‘आपरेशन प्रहार’ के तहत सख्त कार्रवाई करेगी।
मिलावटखोरों पर सख्ती बरतने का जिम्मा मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपने उड़नदस्ते की टीमों को दिया है। राज्य के सीआइडी प्रमुख की देखरेख में ये टीम मिलावट की पुख्ता जानकारी अथवा शिकायत मिलने पर छापेमारी कर रही हैं। मुख्यमंत्री उड़नदस्ते की पिछले एक सप्ताह की कार्रवाई पर नजर दौड़ाएं तो अब तक विभिन्न टीम ने 19 जिलों में 62 मिठाई की दुकानों अथवा इनके गोदामों पर छापेमारी की है।
पंचकूला, जींद और नारनौल में तीन मिलावटखोरों पर मुकदमे दर्ज करवाकर सख्त कार्रवाई का संदेश दिया है। इतना ही नहीं छापामार टीम ने इन दुकानों से 144 खाद्य पदार्थों के नमूने लेकर जांच को भेजे हैं।
मावा में मैदा, बेसन में सूजी मिलाना तो जन्मसिद्ध अधिकार
मुख्यमंत्री उड़नदस्ता जब खाद्य सुरक्षा अधिकारियों मिलावटखोरों पर कार्रवाई कर रहा था तो कई जगह ऐसे उदाहरण भी सामने आए जब मिलावटखोर यह दावा करते हुए नजर आए कि उनकी किसी मिठाई में कोई ऐसी मिलावट नहीं है जो मानव के लिए हानिकारक हो।
छापेमार दल के पुलिस अधिकारी बताते हैं कि खाद्य सुरक्षा अधिकारी भी इन मिलावटखोरों के तर्क को कानून की दृष्टि से सही मानते हुए इनका साथ देते हैं। मसलन, मावा (खोवा) में मैदा और बेसन के लड्डू में सूजी मिलाना तो मानो मिलावटखोरों का जन्मसिद्ध अधिकार है।
ये मिलावटखोर और इनके संरक्षक बने खाद्य सुरक्षा अधिकारी तब चुप हो जाते हैं जब मिलावटखोर दुकानदारों के बाहर मावा की कीमत 350 रुपये प्रति किलोग्राम और बेसन की कीमत 100 रुपये किलोग्राम होती है। 80 से 100 रुपये किलो बेसन तभी बिकता है जब वह पूरी तरह चने की दाल से बनाया हो। यदि इसमें 25 रुपये किलो की सूजी मिला दी जाती है तो इसके भाव 60 रुपये तक सिमट जाते हैं।
”त्योहारों पर ज्यादा उपभोक्तओं की मांग बढ़ने के चलते कुछ दुकानदारों की मानसिकता यह रहती है कि ऐसे में सब कुछ बिक जाएगा। ध्मुख्यमंत्री का उड़नदस्ता इस मानसिकता को बदलने के लिए इन पर प्रहार कर रहा है। यह अभियान दीपावली तक चलता रहेगा।