जयपुर। राजस्थान में लोकसभा चुनाव में सीमांत बाड़मेर-जैसलमेर संसदीय क्षेत्र में इस बार विधायक रविन्द्र सिंह भाटी के निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में उतर जाने से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी एवं केन्द्रीय मंत्री कैलाश चौधरी और कांग्रेस प्रत्याशी उम्मेदाराम बेनीवाल के साथ त्रिकोणीय मुकाबला होने के आसार नजर आ रहे हैं।
लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में 26 अप्रैल को इस क्षेत्र में होने वाले चुनाव में इन तीनों प्रत्याशियों के अलावा बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के प्रत्याशी लीलाराम एवं आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के उम्मीदवार प्रभुराम एवं अन्य छह निर्दलीय प्रत्याशियों सहित कुल 11 उम्मीदवार चुनाव मैदान में अपना चुनावी भाग्य आजमा रहे हैं, हालांकि मुख्य मुकाबला भाजपा, कांग्रेस व रविन्द्र भाटी के बीच ही माना जा रहा है।
5 विधानसभा सीटों पर भाजपा विधायक
इस क्षेत्र में जैसलमेर, शिव, बाड़मेर, बायतू, पचपदरा, सिवाना, गुडामालानी एवं चौहटन (सु) आठ विधानसभा क्षेत्र आते हैं, जहां पांच विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा के विधायक हैं जबकि दो में निर्दलीय और एक विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस का विधायक है। इनमें भी बाड़मेर से निर्दलीय विधायक प्रियंका चौधरी भाजपा के साथ खड़ी नजर आ रही हैं। ऐसे में राजनीतिक रूप से भाजपा की स्थिति मजबूत मानी जा रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में बाड़मेर में जनसभा कर चुके हैं। इसके अलावा फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत भी बुधवार को बाड़मेर एवं जैसलमेर में रोड शो करेंगी। इसी तरह श्री बेनीवाल के समर्थन में कांग्रेस नेता प्रचार कर रहे हैं।
निर्दलीय विधानसभा चुनाव जीते थे भाटी
बीते विधानसभा चुनाव में भाजपा से टिकट नहीं मिलने पर पार्टी से बागी होकर शिव से निर्दलीय चुनाव लड़कर विधायक बने रविन्द्र भाटी के लोकसभा चुनाव में भी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में ताल ठोंक देने से यहां त्रिकोणीय मुकाबले की स्थिति बन गई हैं।
17 में से 9 बार कांग्रेस ने जीता चुनाव
बाड़मेर-जैसलमेर संसदीय क्षेत्र में आजादी के बाद से अब तक हुए 17 चुनावों में सबसे ज्यादा 9 बार कांग्रेस ने बाजी मारकर अपना राजनीतिक दबदबा कायम किया, वहीं भाजपा के उम्मीदवार यहां से 3 बार चुनाव जीत पाए हैं, जबकि दो बार निर्दलीय और एक-एक बार जनता पार्टी, जनता दल एवं राम राज्य परिषद पार्टी के उम्मीदवारों ने चुनाव जीतकर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया है।
कर्नल सोनाराम के नाम सबसे ज्यादा जीत
क्षेत्र में सर्वाधिक 4 बार चुनाव जीतने का रिकॉर्ड कर्नल सोनाराम चौधरी के नाम हैं, जो वर्ष 1996, 1998 एवं 1999 में कांग्रेस प्रत्याशी एवं वर्ष 2014 में भाजपा उम्मीदवार के रूप में चुनाव जीतकर संसद पहुंचे। कांग्रेस के अमृत नाहटा वर्ष 1967 एवं 1971 में इस क्षेत्र से दो बार सांसद चुने गए। इसी तरह कांग्रेस के वृद्धि चंद जैन ने वर्ष 1980 में कांग्रेस (I) एवं वर्ष 1984 में कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीता। जबकि वर्ष 1991 का चुनाव कांग्रेस उम्मीदवार रामनिवास मिर्धा ने जीता।
वर्ष 1952 में इस क्षेत्र का पहला लोकसभा चुनाव निर्दलीय प्रत्याशी भवानी सिंह ने जबकि वर्ष 1957 में दूसरा चुनाव निर्दलीय रघुनाथ सिंह बहादुन ने जीता। वर्ष 1962 का चुनाव राम राज्य परिषद पार्टी के प्रत्याशी तन सिंह ने जीता था। इसके बाद उन्होंने वर्ष 1977 में जनता दल प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीता। वर्ष 1989 में कल्याण सिंह कालवी ने जनता दल के प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीता। इस क्षेत्र में भाजपा का खाता वर्ष 2004 के चुनाव में खुला जब पार्टी प्रत्याशी मानवेन्द्र सिंह चुनाव जीते। वर्ष 2009 में कांग्रेस के हरीश चौधरी ने क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। इसके बाद भाजपा की तरफ से 2014 में कर्नल सोनाराम एवं वर्ष 2019 में कैलाश चौधरी ने चुनाव जीतकर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया।