घर खरीदना या किराए पर लेना, किसमें है ज्यादा फायदा, ऐसे करें कंपैरिजन

Buying or renting a house, which one is more beneficial, do the comparison like this
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आज के समय में हर किसी का सपना होता है कि वह खुद का घर हो. भले ही उसे घर खरीदने के लिए होम लोन लेना पड़े. क्योंकि जो लोग घर को किराए पर लेकर रहते हैं. उनका मानना है कि जितना वह घर का किराया दे रहे हैं उसमें कुछ और पैसे लगाकर खुद का घर खरीदकर होम लोन की ईएमआई दे सकते हैं. कई लोग ऐसे हैं जो किराए के घर में रहने की वजह खुद का घर खरीदना पसंद करते हैं. वहीं कुछ लोग ऐसे भी है जो घर खरीरने की जगह रेंटेड होम को प्रिफर करते हैं. क्योंकि हाउस रेंट होम लोन की ईएमआई से सस्ता पड़ता है. लेकिन आपको सबसे पहले चेक कर लेना चाहिए कि आपको घर खरीदने या फिर घर किराए पर लेने में फायदा है. अगर आपको इसे लेकर कोई कंफ्यूजन है यहां पर आपके हाउस रेंट या घर खरीदकर होम लोन ईएमआई के फायदे में विस्तार से जानकारी दी जा रही है.

मौजूदा समय में विशेष रूप से भारतीय घरों में एक घर का मालिक होना एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है. इसे इनकम का एक विश्वसनीय सोर्स होने के लिए बेहतर कदम भी माना जाता है. लेकिन घर खरीदने से पहले कई बातों पर विचार करना पड़ता है, इसलिए यह एक चुनौतीपूर्ण विकल्प है. घर किराए पर लेना अधिक व्यावहारिक और किफायती विकल्प हो सकता है. साथ ही घर के प्रोफेशन की सुविधा और सुरक्षा की तुलना में कुछ भी नहीं है.

एक्सपर्ट्स का मानना है कि भले ही एक घर का मालिक होना आम तौर पर हर भारतीय का सपना होता है, लेकिन प्रॉपर्टी की बढ़ती कीमतों ने विशेष रूप से मेट्रो सिटी जैसे शहरों में लोगों को खरीदने की अपेक्षा किराए पर लेना पसंद किया है. दूसरी ओर कई लोग जो घर का खर्च उठा सकते हैं, उन्हें किराए पर लेने और खरीदने के बीच चयन करना चाहिए. भारत में जो लोग घर का खर्च उठा सकते हैं, वे घर के मालिकाना हक को उन लोगों की तुलना में अधिक महत्व देते हैं, जो किराए पर लेना एक मध्य आधार के रूप में कार्य करते हैं.

घर खरीदने के फायदे
घर किराए पर लेने पर मकान मालिक कभी भी आपसे खाली करने को कह सकते हैं. हालांकि अपने खुद के घर का मालिक होने से आपको यह तय करने की शक्ति मिलती है कि आपको मकान मालिक की मंजूरी की प्रतीक्षा करने की आवश्यकता नहीं है. इसके अतिरिक्त यह वित्तीय लाभों को बढ़ाता है. एक घर किराए पर लेना आपकी प्रॉपर्टी बनने से रोकता है, जबकि एक घर खरीदना सबसे अच्छा निवेश है क्योंकि यह जीवन भर चलता है. साथ ही जब अचल संपत्ति की कीमतें समय के साथ बढ़ती हैं, तो आपको हाई मार्केट वैल्यू से लाभ होता है.

प्रॉपर्टी के वैल्यूएशन में बढ़ोतरी
रियल एस्टेट फर्म जेएलएल के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 20 वर्षों में घर की लागत कमाई की तुलना में अधिक तेजी से बढ़ी है. क्योंकि रेजिडेंशियल प्राइस में बढ़ोतरी तेजी से विकास के साथ मेल खाती है. आप इस पैसे का उपयोग अपने आदर्श घर में अपग्रेड करने और अपने पोर्टफोलियो की संपत्ति बढ़ाने के लिए एक निवेश के रूप में कर सकते हैं. इसलिए अब आपको किराए में बढ़ोतरी, नई शर्तों, या नए एग्रीमेंट प्रोसेस के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि अब आप किराएदार नहीं हैं.

घर किराए पर लेने के फायदे
प्रॉपर्टी की बढ़ती लागत और अन्य खर्चों के कारण ज्यादातर लोग घर खरीदने को प्रायऑरिटी नहीं देते हैं. कई वर्किंग प्रोफेशनल का मानना है कि बढ़ते खर्चों के साथ उनकी आय समान रहती है. साथ ही आप जो किराया चुकाते हैं, वह आपकी ईएमआई से बहुत कम होता है. हालांकि यह एक शहर से दूसरे शहर में अलग हो सकता है, अधिकांश महानगरीय क्षेत्रों में इसका अनुभव देखने को मिलता है. घर खरीदने या किराए पर लेने से पहले जान लेना चाहिए कि आपको घर खरीदने में फायदा है या किराए पर लेने में फायदा है.

बता दें कि घर खरीदने में कई तरह के खर्चे होते हैं. लेकिन आप केवल ईएमआई ही नहीं देते हैं, बल्कि डाउन पेमेंट पहली चीज है जो आपकी फाइनेंशियल कंडीशन को प्रभावित करती है. यह आपके घर खरीदने के लिए आवश्यक कुल एडवांस लागत का एक हिस्सा है. परिस्थितियों के आधार पर आपके बैंक की ओर से संबंधित कानूनी खर्च और अन्य कमीशन और चार्जेज भी लगाए जा सकते हैं. लेन-देन का रजिस्ट्रेशन चार्ज और कोई भी लागू टैक्स इससे अलग हैं. लेकिन किराए के घर में किसी प्रकार का कोई झंझट नहीं रहता है और घर खरीदने पर लगने वाले चार्जेज और होम लोन इंटरेस्ट से छूटकारा मिलता है.

इसके अलावा जब तक आप होम लोन की ईएमआई चुकाते हैं तब तक आप घर की मूल रकम से इंटरेस्ट के साथ दोगुना ज्यादा पैसा घर खरीदने में लगा चुके होते हैं. इसलिए खरीदने के बजाय किराए पर घर लेना सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है. क्योंकि घर किराए पर लेना खरीदने से कम खर्चीला होता है. किराएदार आमतौर पर खरीदारों की तुलना में विभिन्न सुविधाओं, अकमंडेशन चार्ज आदि के लिए कम भुगतान करते हैं. इसलिए किराए का घर ज्यादा पसंद किया जाता है.

घर किराए पर लें या खरीदें
अगर आप खुद का घर लेने जा रहे हैं तो सबसे पहले घर खरीदने और किराए के घर के खर्चों का आंकलन कर लें, नहीं तो आपको बाद में पछताना पड़ सकता है. क्योंकि एक घर खरीदने की तुलना में किराए पर घर लेना आम लोगों के लिए सस्ता है. इसलिए मौजूदा समय में लोग घर खरीदने की बजाय रेंट पर लेना पसंद कर रहे हैं. क्योंकि होम लोन ईएमआई की अपेक्षा हाउस रेंट बेहतर है. वहीं घर खरीदने पर आपको ईएमआई के अलावा कई तरह के चार्जेज बढ़ जाते हैं. जो आपकी सेविंग को प्रभावित कर सकते हैं.