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Chaitra Navratri 2024: हिंदू धर्म में शक्ति की आराधना का बहुत अधिक महत्व है. असुरों के अत्याचार से परेशान देवताओं ने भी शक्ति की आराधना की है. हिंदू धर्म में चैत्र और शारदीय नवरात्र को धूमधाम से मनाया जाता है जबकि दो गुप्त नवरात्र भी होते हैं. नवरात्र में माता दुर्गा के विभिन्न रूपों की आराधना का विधान है. चैत्र नवरात्र का महत्व इसलिए भी अधिक है क्योंकि इसके पहले दिन यानी चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से नव विक्रमी संवत का प्रारंभ भी होता है.
कब शुरू हो रहे चैत्र नवरात्र?
इस वर्ष नवरात्र का प्रारंभ 9 अप्रैल से होना है. माता के बहुत से भक्त इन नौ दिनों को तप के रूप में मानते हैं और व्रत उपवास करते हैं. कुछ लोग तो केवल लौंग के आधार पर नौ दिन व्रत रखते हैं जबकि बहुत से लोग पहले दिन घट स्थापना और अंतिम दिन हवन के साथ व्रत रखते हैं.
इन बातों का रखना होगा ध्यान
1. नवरात्र में स्वच्छता का विशेष महत्व होता है इसलिए जिस दिन से नवरात्र का प्रारंभ है यानी 9 अप्रैल उसके एक दिन पहले ही पूरे घर और खास तौर से पूजा स्थल की सफाई ठीक से करनी चाहिए. देवी मां की पूजा के साथ स्वच्छता बहुत अधिक जरूरी है. स्वच्छता में शारीरिक स्वच्छता भी आती है और इसमें बाल नहीं कटवाना चाहिए, इसलिए जिन लोगों को भी बाल कटवाने हों वह इस कार्य को पहले ही कर लें. हाथ या पैरों के नाखूनों को काटना भी वर्जित बताया गया है.
2. नवरात्र में जिस कक्ष में पवित्र कलश की स्थापना की गयी हो उस स्थान को कभी भी खाली नहीं छोड़ना चाहिए अर्थात घर पर ताला लगाकर कहीं नहीं जाना है. इतना ही नहीं जो अखंड दीप जलाते हैं उन्हें तो उसी स्थान पर बैठकर भजन कीर्तन करना चाहिए, उस स्थान पर सदैव किसी एक सदस्य को रहना चाहिए.
3. जिन लोगों की दिन में सोने की आदत है, उन्हें चाहिए कि नवरात्र में दिन में निद्रा से बचें और नित्य किसी मंदिर में जाकर मां का आशीर्वाद प्राप्त करें. एक बात और नवरात्र में अपने मन में बुरे विचार न लाएं और सभी के प्रति प्रेम भाव प्रदर्शित करें. इस बीच सात्विक भोजन यानी मांस मदिरा लहसुन प्याज आदि दूर ही र