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सीतामढ़ी : सीतामढ़ी जिले के दो बच्चो में एईएस यानी चमकी बुखार के दो मामला आने के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गई है। डीएम के संज्ञान में आते ही उन्होंने टास्क फोर्स की बैठक पर व्यवस्था तंदुरुस्त करने का निर्देश जारी किया। इसके बाद से जिला के नोडल पदाधिकारी डॉ रविन्द्र यादव ने डुमरा पीएचसी का निरीक्षण किया। वहां पहुंचने के बाद उन्होंने चमकी बुखार को लेकर कई निर्देश जारी किये। इस दौरान उन्होंने कहा कि गर्मी बढ़ते ही चमकी बुखार का डर सताने लगता है। फिलहाल जिले के नानपुर के रहने वाले दो बच्चो में एईएस पॉजिटिव (चमकी बुखार) पाया गया है, जिनका इलाज मुजफ्फरपुर में किया गया। उन मरीजों में से एक मरीज को 27 मार्च को रिलीज कर दिया गया।
स्वास्थ्य विभाग ने की तैयारियां पूरी
नोडल पदाधिकारी डॉ रविन्द्र यादव ने कहा कि चमकी बुखार से बचाव के प्रति लोगों को जागरूक किया जायेगा, जिसके लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से वृहद जागरूकता अभियान चलाया जायेगा। इससे निपटने के लिए सदर अस्पताल में आईसीयू के साथ 10बेड का वार्ड तैयार किया गया है। इसके अलावा सभी पीएचसी में भी 2-2 बेड का वार्ड बनाया गया है, जहां सारी व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से (मस्तिष्क ज्वर) चमकी बुखार से संबंधित चमकी को धमकी, शपथ पत्र के माध्यम से सभी विद्यालयों में दीवाल लेखन किया जायेगा, ताकि लोग इस बीमारी से बचाव के लिए सतर्क हो सकें। जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डा. रविद्र यादव ने बताया कि मस्तिष्क ज्वर को लेकर जिला स्तर पर वृहद तैयारियां प्रारंभ की गई है। उन्होंने बताया कि गर्मी बढ़ने के साथ प्रतिवेदित मरीजों की संख्या में वृद्धि होना शुरू हो जाता है। इसी को ध्यान में रखकर अभी से तैयारियां प्रारंभ की जा रही हैं ताकि चमकी बुखार के लक्षण में क्या करना है, क्या नहीं करना है, इसके बारे में लोगों को जानकारी मिल सके।
क्या करें क्या न करें
नोडल पदाधिकारी डॉ रविन्द्र यादव ने कहा कि बच्चों में चमकी बुखार जैसा कोई लक्षण दिखे तो सीधा पीएचसी या सदर अस्पताल पहुंचे या एंबुलेंस को कॉल करें। उन्होंने कहा कि अगर आप किसी अन्य गाड़ी से बच्चे को लेकर अस्पताल आते हैं तो भी अस्पताल से आपको सरकार के द्वारा निर्धारित राशि दी जाएगी। पिछले साल 14 बच्चे चमकी बुखार से पीड़ित थे। इस वर्ष के शुरुआत में ही दो बच्चों में पॉजिटिव पाया गया है, जिसमें एक बच्चा पुराना मरीज है। वह पूर्व में भी तीन बार इस रोग से ग्रसित हो चुका है।
चमकी बुखार को ऐसे पहचानें और करे देखभाल
उन्होंने बताया कि चमकी बुखार रोग 15 वर्ष तक के बच्चे को अधिक प्रभावित करता है। ऐसे में इस बीमारी से बचाव की दिशा में अभी से सतर्कता जरूरी है। इसके लक्षण चमकी के साथ तेज बुखार – सर दर्द – अर्द्ध या पूर्ण बेहोशी आदि है। इससे बचने के लिए बच्चों को रात में सोने से पहले भरपेट खाना जरूर खिलाएं यदि संभव हो तो कुछ मीठा भी खिलाएं। रात के बीच में एवं सुबह उठते ही देखें कि कहीं बच्चा बेहोश या उसे चमकी तो नहीं। बेहोशी या चमकी देखते ही आशा दीदी को सूचित करें या उपलब्ध वाहन से नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाए। तेज धूप में जाने से बचे, दिन में दो बार नहाएं, रात में पूरा भोजन करके सोएं, लक्षण दिखते ही ओआरएस का घोल या चीनी नमक का घोल पिलाते रहे।